भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से‘सीधी बात’ कार्यक्रम में प्रभु चावला ने पूछा था कि किसान आंदोलन के लिए पैसे कहा से आ रहे हैं तो उन्होंने कहा था कि आंदोलन दाल रोटी और खुले टेंट में चल रहा। घर वालों से कह दिया है कि रोटी के लिए अनाज यहीं भेज दो। वहीं अब हाल ही में गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनकारियों की तरफ से सोलर प्लांट की व्यवस्था की गयी है।

गौरतलब है कि हाल ही में गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की तरफ से एक सोलर पैनल लगाया गया है। बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि इस पैनल के जरिए फ्रिज और रोटी मेकिंग मशीन समेत अन्य सामान चलाए जाएंगे। टिकैत ने कहा है कि बॉर्डर पर गर्मी को देखते हुए खास तैयारियां की जा रही है। खबरों के अनुसार रसोई में बिजली की कमी को पूरा करने के लिए 5 KW का सौर पैनल स्थापित किया गया है। किसानों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन की तरफ से उन्हें किसी भी तरह की मदद नहीं मिल रही है।

सोलर पैनल का उद्धाटन किसान नेता राकेश टिकैत ने किया। उन्होंने कहा था कि हमने इसे ‘हमारे घर, हमारी बिजली’ योजना के तहत स्थापित किया है। भविष्य में हम बिजली की मांग को पूरा करने के लिए गाजीपुर विरोध स्थल पर अधिक सौर पैनल को स्थापित करेंगे।

गौरतलब है कि होली के त्योहार में भी किसान अपने घरों को नहीं गए। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जारी बयान के अनुसार किसानों ने होलिका दहन के दिन केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों की प्रतियों को जलाया था। किसानों का कहना है कि जब तक कृषि कानून रद्द नहीं होंगे तब तक आंदोलन चलता रहेगा।

किसानों का आंदोलन जारी है: तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। पिछले लगभग 120 से अधिक दिनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के बाद भी दोनों पक्ष के बीच कोई फैसला नहीं हो पाया। जिसके बाद से सरकार और किसानों के बीच डेडलॉक जारी है। दोनों ही पक्षों के बीच अंतिम बार वार्ता 22 जनवरी को हुई थी।