पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने सरकार के संशोधन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। किसानों का कहना है कि प्रस्ताव में नया कुछ नहीं है और सरकार विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने से इंकार कर दिया है। लिहाजा आंदोलन जारी रहेंगे। सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि “अब पूरे देश में रोज प्रदर्शन होगा। पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 14 तारीख को धरने दिए जाएंगे। जो लोग धरने नहीं देंगे, वो दिल्ली के लिए कूच करेंगे। 12 तारीख को जयपुर-दिल्ली हाईवे पर जाम लगाया जाएगा। उस दिन एक दिन के लिए पूरे देश के टोल प्लाज़ा फ्री कर दिए जाएंगे। 14 तारीख को दक्षिण के राज्यों में बेमियादी धरना शुरू किया जाएगा।”

किसान नेताओं ने कहा कि बीजेपी के जितने मंत्री हैं, उनका घेराव किया जाएगा और उनका पूरी तरीके से बहिष्कार करेंगे। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की।

उन्होंने बताया कि मंगलवार की रात कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृहमंत्री अमित शाह को पिछले पांच राउंड की बातचीत का ब्योरा दिया था। हमने उनसे कहा कि जो कुछ पहले हो चुका है, उसको दोहराने का कोई मतलब नहीं है। किसान नेताओं ने दावा किया कि मंत्री ने माना कि गलत हुआ है। हमने जोर देकर कहा कि सभी तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और एमएसपी पर आश्वासन दिया जाए। सरकार के ड्राफ्ट प्रस्ताव जल्दबाजी में बनाया गया है। हम एक के बाद एक दिल्ली जाने वाली हर सड़क को जाम करेंगे।

हालांकि भविष्य में कोई अच्छा प्रस्ताव किया जाता है तो उस पर विचार करेंगे। किसानों ने चेतावनी दी कि देश भर में रिलायंस प्रतिष्ठानों/उत्पादों का बहिष्कार किया जाएगा। अडानी/अंबानी प्रतिष्ठान और टोल इत्यादि पर घेराव करेंगे।