सत्ताधारी भाजपा ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन का विदेश की कुछ हस्तियों द्वारा समर्थन किए जाने को गुरुवार को देश को अस्थिर करने का प्रयास बताया और कहा कि भारतीय लोकतंत्र को विदेशी ताकतों से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन का जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग सहित कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने समर्थन किया है। पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा प्रदर्शन करना लोकतांत्रिक है लेकिन भारत के आंतरिक मामलों में विदेशियों का हस्तक्षेप करना गलत है।
लोकसभा में लगातार तीसरे दिन कांग्रेस, द्रमुक सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर भारी हंगामा किया। विपक्ष के शोर-शराबे के कारण गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी दलों की नारेबाजी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “आपके कई नेताओं के महत्वपूर्ण प्रश्न हैं। मैं चाहता हूं कि प्रश्नकाल चले। जनता ने आपको जिस लिए चुनकर भेजा है उसे देखते हुए आपका यह व्यवहार उचित नहीं है।”
सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया ने रिहा होने के बाद कहा है कि उन्होंने तिहाड़ जेल में किसानों से बात कर बातचीत के अंश अपनी टांगों पर लिखे, जिसके बारे में वह अपनी खबर में विस्तार से लिखेंगे। पुनिया को अदालत से जमानत मिलने के बाद बुधवार को जेल से रिहा किया गया था। जेल के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “यहां (जेल के अंदर) रहना मेरे लिए एक अवसर बनकर आया है। मुझे जेल में बंद किसानों से बात करने का मौका मिला और मैंने उनसे हुई बातचीत के अंश अपनी टांगों पर लिख लिए। मैं अपनी खबर में इस बारे में विस्तार से लिखूंगा।”
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से जारी है। इसी बीच गणतंत्र के मौके पर किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली में जान गंवाने वाले नवरीत सिंह के परिजनों से मिलने कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी रामपुर पहुंची हैं। प्रियंका ने यहां किसान के परिजनों से मुलाकात की और उनका दर्द बांटा। इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू, पूर्व सांसद पीएल पूनिया, जितिन प्रसाद, यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास, अल्पसंख्यक कमिटी के अध्यक्ष नदीम जावेद भी थे।
प्रियंका गांधी ने मिलकर कहा, ‘इस परिवार को कहना चाहती हूं आप अकेले नहीं हैं। देश वासी खड़े हैं, हम खड़े हैं। आपके पोते की शहादत व्यर्थ नहीं होने देंगे। तब तक लड़ाई जारी रखेंगे जब तक तीन कानून वापस न हो जाएं।’ प्रियंका गांधी ने मंच से सत श्री अकाल का नारा लगाया और आखिरी में कहा ‘वाहे गुरु जी की फतह… वाहे गुरुजी का खालसा’
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बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, ‘‘वो ताकतें, जो भारत की प्रगति से परेशान हैं, जो नहीं चाहते कि भारतीय लोकतंत्र की तारीफ विश्व में आगे भी हो और जो चाहते हैं कि हमारे देश की आर्थिक और सामाजिक मजबूती और सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट किया जाए, उनके द्वारा एक अंतराष्ट्रीय साजिश रची जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि 133 करोड़ भारतीयों की ताकत कुछ लोगों के आंखों की किरकिरी बन गई है।
लोकसभा में लगातार तीसरे दिन कांग्रेस, द्रमुक सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर भारी हंगामा किया। विपक्ष के शोर-शराबे के कारण गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल और टीएमसी सांसद सौगत रॉय समेत कई नेता किसानों से मिलने पहुंचे। इस दौरान हरसिमरत कौर ने कहा कि यहां 3 किलोमीटर तक बैरिकेडिंग लगी हुई हैं। ऐसे में किसानों की क्या हालत हो रही होगी। हमें भी यहां रोका जा रहा है हमें भी उनसे मिलने नहीं दे रहे।
पूर्व प्रधानमंत्री एवं जद (एस) नेता एच डी देवेगौड़ा ने किसानों को राष्ट्र की रीढ़ बताते हुए कहा कि उनकी समस्याओं को सुना जाना चाहिए और एक स्वीकार्य समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान जो कुछ हुआ उसमें असामाजिक तत्वों की भूमिका थी जिसकी पूरे देश ने और सभी राजनीतिक दलों ने निंदा की। उन्होंने दोषियों को सजा देने की मांग की और कहा ‘‘लेकिन किसानों के मुद्दे को इस घटनाक्रम से पूरी तरह अलग रखा जाना चाहिए।’’
ब्रिटेन की संसद की याचिका समिति भारत में चल रहे किसानों के प्रदर्शनों और प्रेस की स्वतंत्रता के मुद्दे पर हाउस आफ कॉमन्स में चर्चा कराने पर विचार करेगी। इन मुद्दों से संबंधित आनलाइन याचिका पर 1,10,000 से अधिक हस्ताक्षर होने के बाद यह फैसला लिया गया है। इस याचिका पर वेस्ट लंदन से कन्जरवेटिव पार्टी के सांसद के रूप में बोरिस जॉनसन द्वारा हस्ताक्षर किये जाने की बात भी सामने आई है, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है।
दस विपक्षी दल के करीब 15 सांसद नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे हैं। पुलिस ने उन्हें गाजीपुर सीमा पर रोकने की कोशिश की थी। लेकिन वे किसी तरह यहां पहुँच गए हैं। विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके सांसद कनिमोझी, एसएडी सांसद हरसिमरत कौर बादल और टीएमसी सांसद सौगत रॉय समेत कई नेता शामिल हैं। इस दौरान हरसिमरत कौर ने कहा कि यहां 3 किलोमीटर तक बैरिकेडिंग लगी हुई हैं। ऐसे में किसानों की क्या हालत हो रही होगी। हमें भी यहां रोका जा रहा है हमें भी उनसे मिलने नहीं दे रहे।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने गुरूवार को कहा कि नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के मौजूदा प्रदर्शन का मसला टीम बैठक में उठा जिसमें सभी ने अपने विचार रखे कि उन्हें क्या करना है। इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट से पूर्व आनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में कोहली ने इस संक्षिप्त बातचीत का ब्यौरा नहीं दिया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने पॉप गायिका रिहाना और कई अन्य विदेशी हस्तियों की टिप्पणियों पर आए विदेश मंत्रालय के बयान को लेकर बृहस्पतिवार को कहा कि मंत्रालय का यह कहना ‘सच का मजाक’ है कि संसद के भीतर चर्चा के बाद कृषि कानून पारित किए गए।
अमेरिकी फुटबॉल लीग एनएफएल के सितारे जुजू स्मिथ ने भारत में नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की चिकित्सा सहायता के लिये 10000 डॉलर दिये हैं जबकि एनबीए फॉरवर्ड काइल कुजमा ने भी आंदोलन का समर्थन किया है। इससे पहले अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना ने भी आंदोलन का समर्थन किया था और उसके साथ एक खबर साझा की थी जिसमें आंदोलन स्थल पर इंटरनेट पर पाबंदी का उल्लेख किया गया था ।
एक तरफ देश में कृषि कानूनों पर बवाल मचा है, उधर अमेरिका ने भारत के कृषि कानूनों की तारीफ की है। उसका कहना है कि इन सुधारों से भारतीय बाजार मजबूत होगा और निजी निवेश भी बढ़ेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा, 'अमेरिका किसी भी शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करता है, यह लोकतंत्र की पहचान है। अगर कोई मतभेद है तो उसे बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा है।'
प्रियंका गांधी ने मृतक किसान के परिजनों से मिलकर कहा, 'इस परिवार को कहना चाहती हूं आप अकेले नहीं हैं। देश वासी खड़े है, हम खड़े हैं, आपके पोते की शहादत व्यर्थ नहीं होने देंगे। तब तक लड़ाई जारी रखेंगे जब तक तीन कानून वापस न हो जाएं।' प्रियंका गांधी ने मंच से सत श्री अकाल का नारा लगाया और आखिरी में कहा 'वाहे गुरु जी की फतह... वाहे गुरुजी का खालसा'
तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि ये कानून किसानों के लिए नहीं बल्कि चार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए लाए गए हैं।
गणतंत्र के मौके पर किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली में जान गंवाने वाले नवरीत सिंह के परिजनों से मिलने कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी रामपुर पहुंची हैं। प्रियंका ने यहां किसान के परिजनों से मुलाकात की और उनका दर्द बांटा।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा हरियाणा कांग्रेस के विधायकों के साथ हरियाणा राजभवन पहुंचे है। हुड्डा तीनों कृषि क़ानूनों को ख़ारिज करने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले उन्होने कहा था कि आंदोलन पूरी तरह गैर राजनीतिक है और किसान संगठन इसकी अगवानी कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस किसानों की मांगों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ मजबूती से खड़ी है। हुड्डा ने कहा कि सरकार आंदोलन को दबाने के लिए जिस तरह के हथकंडे अपना रही है, उसकी सभी विधायकों ने एक सुर में निंदा की। अपनी मांगों के लिए आंदोलन करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है। ऐसे में आंदोलनकारियों को परेशान करने के लिए उनका इंटरनेट, बिजली, पानी कनेक्शन और साफ-सफाई की सुविधाएं बंद करना अमानवीय कार्य है। सरकार को तुरंत तमाम सुविधाएं फिर से शुरू करनी चाहिए।
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि हम किसानों से मिलने जा रहे हैं। हम सभी किसानों का समर्थन करते हैं, हम सरकार से किसानों के साथ बातचीत करने का अनुरोध करते हैं।
आरजेडी नेता मनोज झा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस में बोलते हुए राज्यसभा में कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर सरिए, कीले लगाई गई हैं और खाई बनाई जा रही है ... ऐसी तस्वीरें हमने सरहद पर पर भी नहीं देखी है। अगर जेपी इस तरह की कटीली तारे तारों को देखते तो क्या सोचते? 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन मोनोलॉग और डायलॉग में फर्क होता है। आप मोनोलॉग को डायलॉग में बदल दे रहे हैं. बिहार में एमएसपी 2006 में खत्म की गई। आज बिहार के किसान खेतिहर मजदूर बन कर रह गए हैं, क्या आप बिहार मॉडल को पूरे देश में लाना चाहते हैं?
दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को कथित रूप से पानी और अन्य मूल सुविधाएं नहीं मिलने को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में एक शिकायत दी है। वहीं प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे को 140 वकीलों ने पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर इंटरनेट बंद करने के केंद्र के निर्देश का संज्ञान लें और इसपर रोक लगाएं।
हरसिमरत कौर ने कहा कि यहां 3 किलोमीटर तक बैरिकेडिंग लगी हुई हैं। ऐसे में किसानों की क्या हालत हो रही होगी। हमें भी यहां रोका जा रहा है हमें भी उनसे मिलने नहीं दे रहे।
गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकैट्स के पास लगी किलें हटाई जा रही है। कुछ लोग इन कीलों को हटाने का काम कर रहे हैं। पुलिस ने यहां सीमेंटेड बैरिकेडिंग की है। मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार रात कीले मोड़ दी गईं थीं। गुरुवार सुबह इन्हें उखाड़ दिया गया है। गाजीपुर बॉर्डर की तरफ लगे बैरिकेडिंग के पास कील उखड़वाई गई हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि "किसान पीछे नहीं हटेंगे। अंत में सरकार को पीछे हटना पड़ेगा। इसी में सबका भला है कि सरकार आज ही पीछे हट जाए।" उन्होंने तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए यह सवाल किया कि सरकार दिल्ली में किलेबंदी क्यों कर रही है? कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, "सबसे पहला सवाल यह है कि सरकार किलेबंदी क्यों कर रही है? क्या ये किसानों से डरते हैं? क्या किसान दुश्मन हैं? किसान देश की ताकत है। इनको मारना, धमकाना सरकार का काम नहीं है। सरकार का काम बातचीत करना और समस्या का समाधान निकालना है।"
गाजीपुर बॉर्डर पर 8 दलों के विपक्षी सांसदों का प्रतिनिधि मंडल पहुंचा हैं। इसमें सुप्रिया सुले, कनिमोझी, हरसिमरत कौर बादल समेत कई सांसद इस शामिल हैं। कुछ आंदोलनकारी यहां प्रशासन द्वारा लगाए गए कीलें को भी निकाल रहे हैं।
हरियाणा सरकार ने राज्य में पानीपत और चरखी दादरी में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर लगाए गए प्रतिबंध को बुधवार को हटा लिया। -राज्य के 5 अन्य जिलों में 4 फरवरी को शाम 5 बजे तक ये सेवाएं निलंबित रहेंगी।
शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने कहा कि हम आठ-दस पार्टियां किसानों से मिलने गाज़ीपुर बॉर्डर जा रही हैं जहां पर किले,13 लेवल की बैरिकेडिंग की गई है, इतना तो हिंदुस्तान के अंदर पाकिस्तान बॉर्डर पर भी नहीं है। हमें संसद में भी इस मुद्दे को उठाने का मौका नहीं दिया जा रहा है जो कि सबसे अहम मुद्दा है।
26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली में जान गंवाने वाले नवरीत सिंह के परिजनों से मिलने प्रियंका गांधी रामपुर जा रही हैं। इस दौरान रास्ते में अमरोहा के पास प्रियंका गांधी के काफिले की 4 गाड़ियां टकरा गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोई घायल नहीं हुआ है और प्रियंका की गाड़ी सुरक्षित है।
जींद के कंडेला में गांव आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर पुलिस की घेरांबदी को लेकर कहा कि सरकार ने कीलें ठुकवाईं, तार लगवाए, लेकिन ये चीजें किसानों को नहीं रोक पाएंगी। उन्होंने कहा ''राजा जब डरता है तो किलेबंदी करता है। मोदी सरकार किसानों के डर से किलेबंदी करने में जुटी है।"
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वह किसान आंदोलन के प्रति अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के समर्थन को स्वीकार करता है। कहा कि यह गर्व की बात है कि दुनिया की प्रख्यात हस्तियां हमारे प्रति संवेदनशीलता प्रकट कर रही हैं, लेकिन दुर्भाग्य से भारत सरकार हमारे दर्द को नहीं समझ रही है। कुछ लोग शांतिपूर्ण किसानों को आतंकवादी भी कह रहे हैं। कहा कि देश भर के बिजली कर्मचारियों की एक दिन की हड़ताल का हम समर्थन करते हैं। हम बिजली क्षेत्र के निजीकरण का कड़ा विरोध करेंगे। ड्राफ्ट इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 किसानों के साथ-साथ अन्य नागरिकों पर भी हमला है।
पंजाबी गायक अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने बुधवार को एक गाना लोकप्रिय पॉपस्टार रिहाना को समर्पित किया।
अभी तो किसानों ने मात्र कानून वापसी की बात कही है, अगर किसान गद्दी वापसी की बात पर आ गए तो उनका क्या होगा।
लोकसभा में लगातार दूसरे दिन भी कृषि कानून वापस लेने के मुद्दे पर विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा। हंगामेंं की वजह से प्रश्न काल शुरू नहीं हो सका।
किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने वाली अमेरिकी पॉप गायिका रिहाना के साथ बुधवार को कई प्रमुख हस्तियां एवं कार्यकर्ता भी आ गए, जिससे इस आंदोलन ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान आर्किषत किया है।
हरियाणा के जींद में प्रदर्शनकारी किसानों का शक्तिप्रदर्शन करते हुए राकेश टिकैत ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग दोहराई। उन्होंने परोक्ष रूप से मोदी सरकार को चेतावनी दी कि अगर प्रदर्शन जारी रहा तो उसकी सत्ता जा सकती है।
कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच जारी विवाद के बीच बुधवार को हरियाणा के जींद में एक महापंचायत को संबोधित करने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश सिंह टिकैत का मंच टूट गया। इससे मंच पर सवार सभी नेता गिर गए। मंच पर क्षमता से ज्यादा लोग बैठे थे। हालांकि घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
राज्यसभा में बुधवार को भाजपा के सांसद भुवनेश्वर कलीता ने कहा कि कृषि कानून संसद में लंबी बहस और चर्चा के बाद पास हुए हैं और विपक्षी पार्टियों को किसान आंदोलन को एक और शाहीन बाग नहीं बनाना चाहिए। कलीता ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए यह बात कही।
किसान नेता राकेश टिकैत ने हरियाणा के जींद में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की किलेबंदी अभी तो एक नमूना है। आने वाले दिनों में इसी तरह से गरीब की रोटी पर किलेबंदी होगी। रोटी तिजोरी में बंद न हो, इसके लिए ही यह आंदोलन शुरू किया गया है। अभी सरकार को अक्टूबर तक का वक्त दिया गया है। आगे जैसे भी हालात रहेंगे, उसी हिसाब से अगली रणनीति पर किसान चर्चा करेंगे।
हरियाणा के जींद में किसान महापंचायत में हजारों लोगों की भीड़ जुटी है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी इस मौके पर जींद पहुंचे हैं। जब वे बुधवार को किसान नेताओं के साथ मंच पर खड़े थे, तब अचनाक स्टेज ढह गया और आसपास भगदड़ मच गई। बताया गया है कि स्टेज गिरने की वजह से कुछ लोगों को हल्की चोटें आई हैं।
फेक न्यूज फैलाने और 26 जनवरी को दंगा भड़काने के आरोपों में दर्ज केस के खिलाफ कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जर्नलिस्ट राजदीप सरदेसाई और मृणाल पांडे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इन तीनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में कई FIR दर्ज है।
सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा की जांच को लेकर दायर याचिकाओं को सुनने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि वो ये अपील सरकार के सामने करें। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार इस मामले में एक्शन ले रही है, ऐसे में हम इस मामले में दखल नहीं देना चाहते हैं आप सरकार के सामने अपील कीजिए।
हरियाणा के जींद में बुधवार को होने वाली महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत हिस्सा लेने पहुंचे। हजारों की संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर टिकैत ने हाथ जोड़कर समर्थकों का अभिवादन किया। बता दें कि गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद ही गाजीपुर बॉर्डर पर फिर से किसानों की भीड़ जुटना शुरू हुई है। इसी के मद्देनजर पहले मुजफ्फरपुर और फिर बागपत में जाटों की महापंचायत का आयोजन किया गया था।