सरकार के साथ बार-बार बातचीत के बाद अब तक किसान आंदोलन का कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है। इस बीच आंदोलन में कई अराजक तत्वों की घुसपैठ के बाद कई किसान नेताओं को भी एनआईए का नोटिस भी मिला है और पूछताछ के लिए समन किया गया। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वह भी एनआईए के नोटिस का इंतजार कर रहे हैं। रिपबल्कि टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी पर भी उन्होंने कहा कि वह उनसे सीधा रूबरू होना चाहते हैं।
राकेश टिकैत ने कहा, सुप्रीम कोर्ट जो कहेगा, वह बात मान ली जाएगी। उन्होंने कहा, ‘सरकार को दबाव में होना भी चाहिए। एजेंसियां सरकार केलिए ही काम करती हैं।’ ट्रैक्टर रैली पर उन्होंने कहा कि यह किसानों की शोभा है, कोई गलत काम नहीं है। टिकैत ने कहा, ‘सबका मुद्दा एक ही है कि तीनों बिल वापस हों और एमएसपी पर कानून बने।’
टिकैत ने कहा, ‘अर्नब गोस्वामी ने टीआरपी के लिए रिश्वत दी। किसानों के खिलाफ अगर कुछ बोला तो उसके चैनल में जाना पड़ेगा। वह मुझे यहीं बैठाता है। मुझे रूबरू होना है।’ अर्नब को डाटने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘वो दिखते तो हैं नहीं ऐसे डाटने का क्या मतलब। आमने-सामने ही बात होगी। हम आँख में आंख डालकर बात करेंगे।’
राकेश टिकैत ने कहा, ‘किसान जहां जाना चाहता है, उन्हें कोई रोक नहीं सकता। सरकार यहां लगी है और चीन अरुणाचल में घर बना रहा है।’ टिकैत ने कहा कि जिस मंत्री से बात कर रहे हैं, उनके पास पावर ही नहीं है। हर बात पर पूछ के आते हैं। यह नहीं पता कि अमित शाह जी से पूछते हैं या मोदी जी से। उन्होंने कहा, अगर किसी भी मंत्री के विभाग का कोई फैसला हो रहा है तो उसको पावर भी मिलनी चाहिए। विभाग में पॉलिसी बन जाती है और मंत्री को पता ही नहीं होता। राजनाथ सिंह के सपोर्ट पर उन्होंने कहा, दूसरे लोग करते हैं, वह नहीं करते हैं।
टिकैत ने कहा कि कांग्रेस के समय में भूमि अधिग्रहण कानून बना था तब उन्हें बुलाया गया था और सबकी राय ली गई थी लेकिन मोदी सरकार में बने कानून में कोई सलाह नहीं ली गई।