देशभर में कोरोनावायरस महामारी की वजह से लगातार हर दिन नए केस दर्ज हो रहे हैं। इसके बावजूद कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर जुटे किसान अब तक अपनी जगहों से नहीं हटे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत तो साफ कर चुके हैं कि कोरोना लेकर किसान अपने घर नहीं जाएंगे और दिल्ली में ही इलाज कराएंगे। उन्होंने प्रदर्शनों में कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने तक की बात कही है। हालांकि, उनकी कथनी-करनी का फर्क तब सामने आया, जब हाल ही में उन्हें बड़ी संख्या में जुटे लोगों के साथ इफ्तार पार्टी में शामिल होते देखा गया।
दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शनस्थल पर रखी गई इफ्तार पार्टी का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें सैकड़ों की संख्या में लोग साथ जुटे दिख रहे हैं। न तो यहां किसी ने ढंग से मास्क लगाया है और न ही कोई सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कर रहा है। इतना ही नहीं इफ्तार पार्टी में मुस्लिम धर्मगुरु के साथ भगवा रंग के कपड़े पहने एक साधू को भी बैठाया गया है। इफ्तार पार्टी के दौरान यहां सभी लोग जय किसान के नारे लगाते भी दिखाई दे रहे हैं।
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— BALA (@erbmjha) April 21, 2021
बता दें कि दिल्ली में कोरोनावायरस के रिकॉर्ड केसों के आने के बाद एक हफ्ते का लॉकडाउन लगाया गया है। इसके बावजूद किसान संगठन कोरोना की बुनियादी गाइडलाइंस मानने को भी तैयार नहीं हैं। किसानों के इन प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने तो यहां तक कह दिया है कि फसल की कटाई के बाद बड़ी संख्या में किसानों का केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन को मजबूत करने के लिये दिल्ली की तरफ आना शुरू हो गया है।
मोर्चा ने कहा कि केंद्र के पास प्रदर्शनकारी किसानों के साथ गतिरोध दूर करने का एक ही रास्ता है तीनों विवादित कानूनों को रद्द करना और ऐसा कानून लेकर आना जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दे। एसकेएम नेता दर्शन पाल ने एक बयान में कहा, “एसकेएम के आह्वान पर बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली की तरफ आना शुरू कर दिया है। फसल की कटाई के बाद किसान सिंघु, टीकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन को मजबूती देने के लिये आ रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “अगर सरकार भी किसानों की सेहत को लेकर समान रूप से चिंतित है तो उसे तत्काल तीनों कानून निरस्त करने चाहिए और एमएसपी पर एक नया कानून लाना चाहिए। यह एक मात्र समाधान है जिस पर किसान प्रदर्शन वापस लेंगे अन्यथा यह दिन प्रतिदिन बड़ा होता जाएगा।” इतना ही नहीं किसान नेताओं ने धरने में आने वाले लोगों से अपील की है कि वे अपना टीकाकरण करा लें, ताकि कोरोना से बचा जा सके।
भारतीय किसान यूनियन (उग्रहण) की बठिंडा इकाई के अध्यक्ष शिंगारा सिंह मान का कहना है कि उन्होंने कोरोना की पहली डोज लगवा ली है और दूसरी डोज अगले महीने लगवाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा सरकार बहादुरगढ़ इलाके में कोई टीकाकरण कैंप लगवाना चाहती है तो हम अपने सदस्यों से टीका लगवाने की अपील करेंगे। लेकिन यह सरकार की ही गलती है कि उसने कृषि कानूनों को पास कर के हमें जबरदस्ती सड़कों पर आने के लिए मजबूर किया। वर्ना किसान तो लॉकडाउन का पालन करवाने में जुटे थे।