आज तक पर डिबेट के दौरान एंकर ने जब कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे से पूछा कि एक रात तो किसानों के साथ ठंड में बैठते फिर हाइजैक करते किसानों के इस आंदोलन को? इस पर प्रवक्ता ने जवाब दिया कि हम पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने कहा था कि हमारा मंच मत साझा कीजिए। इसलिए वहां नहीं गए।

डिबेट में एंकर ने कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे से पूछा कि ठंड में रात भर बैठे किसान और आखिर में आंदोलन हाइजैक करने आप पहुंच जाएं? इस पर प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री जी पांच पूंजीपतियों को सत्ता का अमृत पान करा रहे हैं। जिन किसानों ने विश्वास किया था उन्हें विष का प्याला पकड़ा दिया। मोदी सरकार की सत्ता में वफा हम ढूंढते हैं। नादान हैं जहर की शीशी में दवा ढूंढते हैं। किसानों के आंदोलन को कोई हाइजैक नहीं कर रहा है। सारा का सारा आंदोलन किसानों का है।

बता दें कि आज किसानों और सरकार के बीच नौवें दौर की बातचीत हुई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कानून को लागू होने से रोक दिया था। आज भी सरकार और किसानों के बीच बातचीत बेनतीजा रही। किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा,” मीटिंग पूरी तरह से नाकाम रही। हमने सुझाव दिया कि सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम में किए गए बदवाल को वापिस ले न कि उसे पूरी तरह खत्म करे।लेकिन कृषि मंत्री ने इस पर कुछ नहीं कहा।”

अब अगले दौर की बातचीत 19 जनवरी को होगी। किसानों की योजना है कि वे 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करेंगे। किसान नेता ने जोर देकर कहा कि परेड तो होकर रहेगी। 40 किसान नेताओं ने कहा कि वे केंद्र के साथ बातचीत को जारी रखना चाहते हैं। किसानों ने समिति का नाम लिए बिना कहा कि हमें बीच में कोई ब्रोकर नहीं चाहिए।

किसानों का कहना है कि वे समिति के आगे पेश नहीं होंगे क्योंकि समिति के सभी सदस्य कानूनों के मुखर समर्थक रहे हैं। हालांकि सरकार ने इस बात पर सहमति जताई है कि वह किसानों से बातचीत करेगी। कृषि मंत्री तोमर ने कहा,”सरकार और किसान समस्या के समाधान पर विचार करते रहेंगे। लेकिन सरकार सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी मानेगी।” किसानों ने इस बीच पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग भी की है।