कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि अन्नदाता किसानों ने कोरोना महामारी में भी पूरे देश का पेट भर कर भारत का मान-सम्मान बनाएं रखा। लेकिन आज मोदी सरकार इन्ही किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना कर भूखा मारने चली है। आम आदमी पार्टी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर किसानों के गुस्से को दिखाया है। वीडियो में प्रदर्शनकारी किसान सरकार के अच्छे दिन के नारे पर ताने मारते हुए कहा कि “इससे अच्छे दिन क्या होंगे, घर से बेघर घूम रहे किसान, लठ ब ज रहे अब तो हम पर…।”

उन्होंने कहा, “लाखों युवा किसानों के बच्चे बेरोजगार घूम रहे हैं। पंजाब में लठ्ठ बजवा दिए, हरियाणा में बजवा दिए, यहां बजवा रहे हैं। इससे बड़ा अत्याचार क्या होगा? यह अत्याचार ही तो है। आने दो चुनाव हम सरकार को हटा देंगे।”

बोले, “यह दिल्ली भारत की दिल्ली है, इंडिया की नहीं। महामारी के दौरान आम लोगों, गरीबों, मजदूरों को ये कारपोरेट वालों ने निकाल दिया था। उनका पेट किसने भरा, किसान ने भरा। खेत में हल चलाए किसान, लठ्ठ खाए किसान और तो और देश की सीमा पर सीने पर गोली खाए किसान का बेटा और मंत्री बने घूम रहे हैं ये। ये कनाट प्लेस, देश की सबसे बड़ी पंचायत जिसमें ये बैठे हैं संसद भवन किसकी जमीन पर बना है, ये किसान की जमीन है, किसानों की है। हम चुनाव में सरकार को दिखा देंगे। आने दो चुनाव, बताते हैं।”

इस बीच शिरोमणि अकाली दल ने बुधवार को भाजपा के नेतृत्व वाली ‘‘केंद्र सरकार को बेकसूर किसानों के साथ खिलवाड़ बंद करने को कहा और बिना शर्त तुरंत तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। शिरोमणि अकाली दल ने कहा, ‘‘ केंद्र की तरफ से दिया गया प्रस्ताव और कुछ नहीं बल्कि देरी करने और भटकाने का हथकंडा है, जिसे किसान पहले ही खारिज कर चुके हैं।’’ शिरोमणि अकाली दल के नेता विक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि केंद्र के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह दुखद है कि देश के अन्नदाता अपने परिवार के थ पिछले 14 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।’’ हरियाणा कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा और इंडियन नेशनल लोक दल के नेता अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से अलग-अलग मुलाकात की और कहा कि पूरा देश केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ उनके साथ एकजुटता से खड़ा है। शैलजा ने सोमवार को सिंघू बॉर्डर के पास किसानों से मुलाकात की थी और आंदोलन को अपना समर्थन दिया था।