Two Years Of Farmer’s Protest: केंद्र के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान आंदोलन (Farmer’s Protest) शुरू करने के दो साल पूरे होने के मौके पर शनिवार (26 navambar) को किसान संघ देश भर के राजभवनों तक मार्च निकालेंगे।
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दो साल पूरे होने के मौके पर शनिवार को किसान संघ (Farmers Union) देशभर में राजभवनों तक मार्च निकालेंगे। किसान नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने कई मांगें पूरी नहीं की हैं इसलिए इस मार्च के जरिए किसान विरोध दर्ज कराएंगे। किसान नेताओं ने दावा किया कि सरकार ने उन्हें लिखित में दिया था कि वह चर्चा करके फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून लाएगी, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया। यही नहीं पंजाब में 33 किसान संघ भी संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के मार्च में भाग लेंगे।
सरकार का हमारी मांगों को पूरा करने का कोई इरादा नहीं: विरोध मार्च में शामिल होने के लिए लखनऊ पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा, “उन्होंने हमें लिखित आश्वासन दिया था और कई मांगों पर सहमति जताई थी, लेकिन कुछ भी नहीं किया गया। सरकार ने साबित कर दिया है कि वह देशद्रोही है और उसने देश के किसानों को धोखा दिया है। वे कॉरपोरेट्स की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि हमारी मांगों को पूरा करने का उनका कोई इरादा नहीं है।”
देश भर में किसानों का मार्च: एसकेएम ने केंद्र सरकार पर लंबित मांगें पूरी नहीं करने का आरोप लगाते हुए 26 नवंबर को देश भर में राजभवन तक मार्च निकालने की घोषणा की थी। वहीं, कृषि कानून आंदोलन की वर्षगांठ के मौके पर बिहार के किसान भी राजभवन तक मार्च निकालेंगे। पटना के गांधी मैदान से ये मार्च शनिवार दोपहर करीब 12 बजे निकलेगा। मार्च के जरिए किसान अपनी मांग उठाएंगे जिसमें आंदोलन की 6 लंबित मांगों के अलावा उनकी कुछ अन्य मांगे शामिल हैं।
किसान आंदोलन (Farmer’s Protest) के दो साल: गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया था। यह आंदोलन 26 नवंबर 2020 को शुरू किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में तीनों कानूनों को रद्द करने की घोषणा की थी। इसके बाद आंदोलन खत्म कर दिया गया था।