केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए किसानों के आंदोलन को दो हफ्ते से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन केंद्र और किसानों के बीच कोई समझौता होते नजर नहीं आ रहा है। जहां किसान कानून वापसी से कम कुछ नहीं चाहते वहीं दूसरी ओर सरकार भी संशोधन से ज्यादा कुछ करना नहीं चाहती। किसान अब भूख हड़ताल का सहारा ले रहे हैं। लेकिन इस बीच दिल्ली-हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी एक किसान की मौत की खबर आई है। किसान की पहचान पंजाब के रहने वाले 42 वर्षीय मक्खन सिंह के रूप में हुई। जिनकी मौत हार्ट अटैक से हुई।

किसान को श्रद्धांजलि देते हुए बाकी किसानों ने प्रदर्शन स्थल पर खड़े होकर मौन रखा। वहीं आज सुबह एक और बुरी खबर आई कि दिल्ली प्रदर्शन से लौट रहे एक किसान की सड़क हादसे में मौत हो गई। किसान अपने घर बेटे की शादी के लिए लौट रहा था लेकिन अज्ञात वाहन की चपेट में आने से उसकी जान चली गई।

इससे पहले शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों की मौत को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। एक खबर को शेयर करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि किसान आंदोलन में अब तक 11 किसानों की मौत हो चुकी है। ये किसान पंजाब और हरियाणा के रहने वाले थे। यही नहीं कांग्रेस शासित पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि जिन किसानों की मौत किसान आंदोलन के दौरान हो रही है सरकार उनको मुआवजा देगी।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘कृषि क़ानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितनी आहुति देनी होगी?’ राहुल ने एक क्लिपिंग शेयर करते हुए ये बात कही। क्लिपिंग में किसानों की तस्वीरों के साथ लिखा था कि ये किसान दिल्ली की सीमा पर आंदोलन के दौरान मारे गए।

बता दें कि कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे आंदोलन कर रहे किसानों को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। दावा किया गया कि अब तक 11 किसानों की जान जा चुकी है। यही नहीं राहुल ने केंद्र को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि देशभर के किसान चाहते हैं कि उनकी आमदनी पंजाब के किसानों की तरह हो जबकि सरकार चाहती है कि देश के किसानों की आय बिहार के किसानों की तरह सबसे कम हो जाए।

बता दें कि आय के मामले में बिहार के किसानों की स्थिति सबसे बुरी है। एक आंकड़े के मुताबिक देशभर में किसानों की औसत आय के मुकाबले बिहार के किसान बहुत ही कम कमाई करते हैं।