केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले दो हफ्तों से जारी है। आंदोलन के चलते विभिन्न शख्सियतें अवार्ड वापस करने की घोषणा कर रहे हैं। ओलंपिक पदक विजेता और भारतीय पेशेवर मुक्केबाज़ विजेंद्र सिंह भी ने केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा है कि अगर सरकार किसानों की मांग पूरी नहीं करेगी तो वह अपना राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड लौटा देंगे।

विजेंद्र ने कांग्रेस के टिकट पर दक्षिणी दिल्‍ली से 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा था मगर हार गए थे। उनकी इस चेतावनी पर भाजपा समर्थक शेफाली वैद्य ने उन पर तंज़ कसा है। वैद्य ने ट्वीट कर लिखा कि अवार्ड के साथ-साथ आप 500 स्कवायर यार्ड का VIP प्लॉट और बॉक्सिंग अकैडमी कब लौटा रहे हैं? इसके अलावा जो आपको स्टेट और केंद्र सरकार से बाकी के अवार्ड मिले हैं वे भी लौटा दीजिये।

खेल रत्ना देश का सर्वोच्च खेल सम्मान है। जुलाई 2009 में उन्हें खेल रत्न से नवाजा गया था। इस आंदोलन के समर्थन में गौरवदीप सिंह ने भी अपना अवार्ड वापस कर दिया है। उन्हें युवाओं को वोट के लिए जागरूक करने पर नेशनल यूथ अवार्ड से नवाजा गया था।

इसके अलावा बास्केटबॉल खिलाड़ी अर्जुन अवार्डी सज्जन सिंह चीमा, ओलंपिक मेडलिस्ट हॉकी खिलाड़ी मुखबेन सिंह, वेटलिफ्टर तारा समेत कई खिलाड़ियों ने अपने अवार्ड वापस कर दिये हैं। इन खिलाड़ियों ने अपने अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद अवॉर्ड सरकार को लौटाने का एलान किया है।

बता दें कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पिछले कुछ दिनों में 11 किसानों की मौत हो गई और इसके बाद भी केंद्र की भाजपा सरकार का दिल नहीं पसीज रहा। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘कृषि क़ानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितनी आहुति देनी होगी?’’


कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इसी खबर का उल्लेख करते हुए दावा किया, ‘‘ पिछले 17 दिनों में 11 किसान भाईयों की शहादत के बावजूद निरंकुश मोदी सरकार का दिल नहीं पसीज रहा।’’ उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘सरकार अब भी अन्नदाताओं नहीं, अपने धनदाताओं के साथ क्यों खड़ी है? देश जानना चाहता है – “राजधर्म” बड़ा है या “राजहठ”?’’ कांग्रेस के दोनों नेताओं ने जिस खबर का हवाला दिया उसके मुताबिक, दिल्ली के निकट चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पिछले कुछ दिनों में बीमार होने के बाद 11 किसानों की मौत हो चुकी है।