प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को आंदोलनजीवी कहने से पूरे किसान समुदाय को काफी दुःख पहुंचा है। इसलिए किसानों को सरकार का बहिष्कार करना चाहिए. ये बातें शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा के प्रेस कांफ्रेंस में किसान नेताओं ने कही। प्रेस कांफ्रेस में किसान नेताओं ने कहा कि 14 फ़रवरी को पुलवामा में शहीद हुए जवानों और किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के लिए मशाल जुलुस और कैंडल मार्च निकाला जाएगा।

शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में किसानों को “डिप्लोमैटिक गालियां” दी हैं। किसानों को परजीवी कहकर उन्होंने पूरे किसान समुदाय को गहरा आघात पहुंचाया है। किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने किसानों को जो घाव दिया है वह हमेशा के लिए याद रखा जाएगा।

इसके अलावा प्रेस कांफ्रेस में मौजूद किसान नेता डॉ दर्शनपाल ने कहा कि किसान पंचायतों के माध्यम से किसान सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उनकी मांगों को जल्दी से स्वीकार किया जाए और विरोध समाप्त हो सके। साथ ही दर्शनपाल ने कहा कि पूरे देश के किसान इस आंदोलन में शामिल हैं।गाजीपुर में हो रहे प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि नए कानूनों के लागू होने से खेती का पूरा कारोबार बड़े कॉर्पोरेट्स के हाथों में चला जाएगा और किसानों को खुद के ऊपर छोड़ दिया जाएगा। साथ ही चढूनी ने कहा कि किसान अपनी मांगों को मनवाए बिना दिल्ली की सीमाओं को नहीं छोड़ेंगे।

शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दर्शन पाल, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी और राकेश टिकैत मौजूद थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली के मेहमान हैं. वे दिल्ली आते जाते रहेंगे और खेती के सिलसिले में अपने घर को भी जाते रहेंगे।किसान नेताओं ने कहा कि 18 फरवरी को यूपी समेत पूरे देश में चार घंटे तक रेल रोको आंदोलन चलाया जाएगा। वहीँ 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी की जयंती भी मनाई जाएगी।