किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर हम किसान संगठन आपस में बातचीत करेंगे। हमारी मांग तो ये थी कि सरकार इन कानूनों को वापिस ले, हमारी ये मांग तो थी ही नहीं कि कानून पर रोक लगे। हमारे लिए हार या जीत का सवाल ही नहीं है। सरकार कानून वापिस ले ले और एमएसपी पर कानून बना ले और सरकार ही जीत जाए। सरकार को जीत का सेहरा अपने सिर बांधना है तो बांध ले। जीतेगी तो सरकार ही। सरकार को मानना पड़ेगा। कानून वापसी हुए बगैर हम अपनी जगह नहीं छोड़ने वाले हैं। किसान संगठन तय करेंगे कि उनको सुप्रीम कोर्ट की बनाई समिति के आगे अपनी बात रखनी है कि नहीं।

मालूम हो कि आज सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को लागू किए जाने पर रोक लगा दी। मुद्दे को सुलझाने के लिए कोर्ट ने एक समिति का गठन किया है। हालांकि किसानों का कहना है कि उन्हें समिति बनाए जाना सही नहीं लगा है क्योंकि वे चाहते हैं कानून वापिस लिए जाएं। किसानों ने कहा कि कोर्ट ने समिति में उन लोगों को शामिल किया है जो कि कानून का पहले ही समर्थन करते आए हैं।

पंजाब किसान यूनियन ने कहा,”हम इस समिति को स्वीकार नहीं करते हैं।समिति के सभी सदस्य पहले से ही कानूनों का समर्थन करते आए हैं। किसानों ने कहा कि हमें लगता है कि सरकार ये समिति सुप्रीम कोर्ट के जरिए लाई है। समिति बनाकर सरकार बस मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहती है।” किसानों का कहना है कि वे इस समिति के आगे पेश नहीं होंगे भले ही समिति के सदस्य बदल जाएं लेकिन कानून को लेकर चर्चा करने का सवाल ही नहीं है।

किसानों ने कहा कि हमें खुशी है कि कोर्ट ने कानूनों को लागू किए जाने पर रोक लगाई है लेकिन हम चाहते हैं कि सरकार इन कानूनों को वापिस ले। किसानों ने कहा कि जब तक कानून वापिस नहीं होते हैं हम यहां से हिलने वाले नहीं हैं। किसानों ने बताया कि उनकी 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की भी योजना है।