उत्तर प्रदेश के एक 32 वर्षीय किसान की मौत के तीन दिन बाद यूपी पुलिस ने मृतक की पत्नी और भाई के खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का केस दर्ज किया है। किसान गाजीपुर प्रदर्शन स्थल से लापता था। बाद में दिल्ली के अस्पताल में उसकी लाश मिली थी। पीलीभीत के किसान बलविंदर सिंह जनवरी में किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए गाजीपुर रवाना हुए थे। एक फरवरी को दिल्ली पुलिस ने किसान के परिजनों को बताया कि बलविंदर सिंह की मौत हो गई है। पुलिस ने जानकारी दी कि एक सड़क दुर्घटना में बलविंदर सिंह की जान गई है। परिजनों ने दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल से मृतक का शव बरामद किया था। बुधवार को किसान के परिजनों और गांव वालों ने मिलकर किसान का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान किसान के शव को तिरंगे में लपेटा गया।

इसी के चलते पुलिस ने परिजनों पर तिरंगे का अपमान करने का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मृत किसान के भाई, पत्नी के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने इन लोगों पर सार्वजनिक तौर पर तिरंगे का अपमान करने का मामला दर्ज किया है। मालूम हो कि तिरंगे से शव को किसा राजकीय या सेना से जुड़े अंतिम संस्कार में ही इस्तेमाल किया जाता है।चूंकि किसान का अंतिम संस्कार इन दोनों में से किसी श्रेणी में नहीं आता है। इसलिए इन पर ये केस दर्ज किया गया।

किसान के भाई ने कहा कि ऐसा करने के पीछे ये वजह थी कि दिल्ली में किसान आंदोलन में शामिल हमारे भाई देश के लिए ही लड़ रहे हैं। वे हमारे लिए शहीद हो रहे हैं। इसलिए उनके प्रति सम्मान दिखाने के लिए किसान के शव को तिरंगे में लपेटा गया था।

कई लोग किसान के परिवार का समर्थन में आगे आए हैं। उनका कहना है कि किसान के शव पर तिरंगा लिपटा है इसका मतलब ये है कि किसान देशभक्त था। इससे तिरंगे का अपमान नहीं हुआ है। सरकार को परिवार के खिलाफ दर्ज केस को वापिस लेना चाहिए।