किसान नेता राकेश टिकैत ने आज तक के कार्यक्रम सीधी बात में अपने बात खरी-खरी रखी। इंटरव्यू में टिकैत ने कहा कि मेरे फॉर्म्युले के मुताबिक 3 क्विंटल गेहूं के बदले एक तोला सोना दिया जाए। जब उनसे कहा गया कि सरकार हर चीज पर एमएसपी नहीं दे सकती तो उन्होंने कहा कि सरकार का पायलट प्रोजेक्ट है डिजिटल इंडिया उसी से हमको जोड़ा जाए।
राकेश टिकैत ने फसलों के दाम पर कहा, ” मैं तो यह चाहता हूं कि पूरे देश में टिकैत फॉर्म्युला लागू हो जाए, 3 क्विंटल गेहूं में 1 तोला सोना दे दिया जाए।” उन पर हुए मुकदमों को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन करो और केस ना हो ऐसा हो नहीं सकता है। जिस पर आंदोलन में केस नहीं हो रहे मतलब उसकी सरकार से सांठ-गांठ है। जब केस रजिस्टर होंगे तभी तो उसको आंदोलन का सर्टिफिकेट मिलेगा।
जब उनसे कहा गया कि सरकार हर चीज पर एमएसपी नहीं दे सकती तो टिकैत ने कहा कि मोदी जी का पायलट प्रोजेक्ट डिजिटल इंडिया कैंपेन है। हमें भी उससे जोड़ दो। 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा पर टिकैत बोले कि बीजेपी तो यही चाहती कि आंदोलन में हिंसा हो। किसान माफी मांगें और फिर आंदोलन खत्म हो जाए। 26 जनवरी को हुई हिंसा के लिए हम जिम्मेदार नहीं है तो हम माफी क्यों मांगें?
अगले साल यूपी में होने वाले चुनाव पर राकेश टिकैत ने कहा कि चुनाव लड़ना हमारे लिए मुद्दा नहीं है। ना तो हमें चुनाव लड़ना है। चुनाव लड़ना तो बहुत बड़ी बीमारी है। कोई इस गलतफहमी में न रहे कि किसान नेता चुनाव लड़ने जा रहे हैं। चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं।
मालूम हो कि जहां किसानों के प्रदर्शन स्थल से अब तक कीलों, सीमेंट की दीवारों, बैरिकेड की तस्वीरें सामने आई थीं। वहीं आज प्रदर्शन की जगह से एक नई तस्वीर सामने आई जहां आज किसानों ने फूल लगाए। देश भर में आहूत चक्का जाम से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने आज गाजीपुर प्रदर्शन स्थल के पास फूल लगाए।
खास बात ये कि ये फूल वहीं लगाए गए जहां पुलिस ने कीलें गाड़ी थीं। राकेश टिकैत ने बताया कि कल के चक्का जाम में यूपी के किसान हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि गन्ने की फसल के चलते ये फैसला लिया गया है।