उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद वरुण गांधी खुलकर किसानों के समर्थन में आए हैं। आंदोलनकारी अन्नदाताओं के प्रति उनकी सहानुभूति को लेकर बीजेपी किसान मोर्चा के पूर्व उपाध्यक्ष नरेश सिरोही ने कहा है कि वरुण का अधिकतर वोटर गन्ना किसान है, जिस पर पत्रकार ने उनसे पूछ दिया कि क्या यह उनकी और पार्टी की सेफ वॉल पॉलिसी (बचाव वाली रणनीति) है?
यह मामला हिंदी चैनल “न्यूज 24” से जुड़ा है। सोमवार (13 सितंबर, 2021) को चैनल पर किसानों के मुद्दे पर डिबेट हो रही थी। एंकर ने तभी पूछा, “चुनावी मौसम में किसानों से बातचीत तो नहीं हो रही है। पर अंदरखाने यह हलचल है…वरुण ऐसे ही नहीं चिट्ठी लिख रहे हैं। मेरे पास जो खबरें आ रही हैं कि 40 रुपए बढ़ा देंगे। यूपी में 365 रुपए गन्ने की कीमत कर देंगे। फिर कहा जाएगा कि हम यूपी में सबसे ऊंचे दाम दे रहे हैं। इस सीजन में बकाया बचने नहीं देंगे। तुरंत 14 दिन के भीतर पेमेंट आने लगेगी?”
सिरोही ने जवाब दिया, “वरुण ने जो चिट्ठी लिखी है, उसका स्वागत किया जाना चाहिए। वह किसानों के पक्ष में हैं। किसानों की जिस हिसाब से लागत बढ़ी है, उस हिसाब से मैं समझता हूं कि वरुण गांधी जिस पीलीभीत से आते हैं, वहां अधिकतम गन्ना किसान हैं। उनका ज्यादातर वोटर गन्ना किसान है, इसलिए हर जनप्रतिनिधि का काम है कि वह अपने इलाके में जाए और किसान से मिले और उसकी तकलीफें समझें।”
इसी बीच, पत्रकार ने उन्हें टोका और पूछा, “यह सेफ्टी वॉल पॉलिसी है क्या? कुकर में गैस बन रही है…फट सकता है, इसलिए वरुण आ गए।” सिरोही इस पर बोले- मेरे ख्याल से जो लागत है, उसके हिसाब से हर फसल के दाम तय कर देने चाहिए।
बता दें कि गांधी ने सरकार को प्रदर्शनकारी किसानों से दोबारा बातचीत करने का सुझाव देने के कुछ दिन बाद रविवार को राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने इस पत्र के जरिए गन्ने की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि करने, गेहूं और धान की सरकारी खरीद पर बोनस देने, प्रधानमंत्री किसान योजना की राशि दोगुनी करने और डीजल पर सब्सिडी देने की मांग उठाई।
यूपी से तीन बार के सांसद ने कहा कि उनका अनुरोध ‘‘वित्तीय रूप से व्यावहारिक है और इस पर तत्काल अमल किया जा सकता है।’’ वरुण के मुताबिक, बीते साल किसानों के लिए आर्थिक परेशानी वाले रहे हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर लिखने वाला, किसानों के साथ काम करने वाला व्यक्ति और जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरा अनुरोध सरकार-किसान संबंधों को सामान्य बनाने में लंबा रास्ता तय करेगा।