मोदी सरकार के लाए कृषि कानूनों के मसले पर किसान अपने रुख पर कायम हैं। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दो टूक कहा है कि या तो किसान रहेंगे या फिर यह सरकार रहेगी।
सोमवार को उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट्स में कहा, “या तो ये किसान और जनता रहेगी या ये सरकार रहेगी। अन्नदाता की आवाज झूठे मुकदमों से दबने वाली नहीं है।” उनके मुताबिक, “देश को लुटेरों से बचाने के लिए तीन चीजें जरूरी हैं। 1- सरहद पर टैंक, 2- खेत में ट्रैक्टर और 3- युवाओं के हाथ में ट्विटर।” वहीं, मंगलवार को उन्होंने लिखा- तीनों कृषि कानून के माध्यम से सरकार ने कॉरपोरेट्स को किसानों की लूट करने के लिए रास्ता दिया है, अगर यह कृषि कानून होते तो अब तक वापस ले लिए जाते लेकिन यह व्यापारी के कानून है इसलिए सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है।
टिकैत ने इससे पहले कहा था, “किसानों पर हरियाणा सरकार झूठे मुकदमे दर्ज कर उत्पीड़न कर रही है। इससे आप आंदोलन को न हटा सकते हो न दबा सकते हो।” वहीं, केंद्र के अडिग रुख पर ट्वीट किया था, सरकार मानने वाली नहीं है। इलाज तो करना पड़ेगा। ट्रैक्टरों के साथ अपनी तैयारी रखो। जमीन बचाने के लिए आंदोलन तेज करना होगा। सरकार ये गलतफहमी अपने दिमाग से निकाल दे कि किसान वापस जाएगा। किसान तभी वापस जाएगा, जब मांगें पूरी हो जाएंगी। हमारी मांग है कि तीनों कानून रद्द हों। एमएसपी पर कानून बने।
सिंघू को जोड़ने वाली सड़क का रास्ता खाली करने की मांगः हरियाणा के सोनीपत में करीब 20 गांवों के लोगों ने ”महापंचायत” कर केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से उनके इलाकों को दिल्ली के सिंघू बॉर्डर को जोड़ने वाली सड़क का एक रास्ता खाली करने की मांग की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करने वाले रामफल सरोहा ने सोनीपत के सेरसा में कहा, ”नौकरी के सिलसिले में यात्रा करने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ट्यूशन और कोचिंग के लिए जाने वाले छात्र भी प्रभावित होते हैं। औद्योगिक इकाइयों और कई दुकानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। हमें किसानों से कोई समस्या नहीं है, हम उनके खिलाफ नहीं हैं लेकिन नागरिक होने के नाते हमें भी समान अधिकार हैं।”
खट्टर के आने से पहले किसानों का प्रदर्शनः हरियाणा के पंचकूला में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर रविवार को एक कार्यक्रम में शिरकत करने वाले थे, जिससे कुछ ही घंटे पहले किसानों के एक समूह ने वहां एकत्रित होकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री के आगमन से पहले पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को एहतियातन हिरासत में ले लिया। पुलिस ने कहा कि खट्टर यहां थपली नेचर कैंप में एक स्वास्थ्य केन्द्र का उद्घाटन करने वाले थे, इससे पहले ही काले झंडे साथ लाए किसानों ने नये कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया और कार्यक्रम स्थल के निकट पहुंचने के लिये वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करने का प्रयास किया।