किसान आंदोलन के मुद्दे पर BKU नेता राकेश टिकैत एक टीवी न्यूज डिबेट बीच में ही छोड़कर चले गए। कार्यक्रम में एंकर रोमाना ईसार खान उनका सामना एक अन्य किसान नेता चौधरी वीरेंद्र सिंह से सामना कराना चाहती थीं। वह शो में ऑनलाइन हाजिर भी हो गए थे। वह बातचीत का हिस्सा बन पाते, इससे पहले ही टिकैत ने ईयरफोन हटाते हुए कहा कि नहीं, वह वन-टू-वन करेंगे। यानी वह इस दौरान सिर्फ पत्रकार से बात करने के लिए राजी थे।

यह मामला 25 मई का है। हिंदी न्यूज चैनल ABP News पर हुंकार शो में टिकैत कोरोना के बीच किसान आंदोलन को लेकर अपनी बात रख रहे थे। इस बीच, टिकैत ने केंद्र के दावे (अधिकतर किसान कानूनों के समर्थन में, जबकि कुछ ही विरोध कर रहे) कहा- मुट्ठी भर लोग हैं, तो फायरिंग कर मरवा कर हटवा दीजिए। आपके पास तो सैन्य बल है। यह वैचारिक क्रांति है। यह विचारों से खत्म होगी। न कि लाठी और डंडे से। किसान वापसी नहीं जाने वाले। वह अभी छह महीने और बैठेंगे।

रोमाना ने टोका, “विचार तो तब जिंदा रहेगा, जब व्यक्ति जिंदा रहेगा। यहां जिंदगी और मौत की बात है। यह कोरोना काल है।” बीकेयू नेता ने जवाब दिया, “बिल्कुल, यह जिम्मेदारी भारत सरकार की है। हम बैठे हैं, पर हम अधिक पब्लिक मीटिंग्स नहीं कर रहे हैं।” पत्रकार ने फिर पूछा- आप इतने मतलबी हो गए हैं कि देश के लोगों की फिक्र नहीं है? कोरोना फैले तो फैले…? आप काला दिवस मना रहे हैं, कभी हिसार में भीड़ जुटवा देते हैं?

टिकैत ने आगे जवाब दिया- क्यों न मनाएं? 10 हजार पुलिस भी तो जुटी थी। अगर उनकी हुई, तो हमारी भी हुई। क्यों बात नहीं मानी, क्यों मुकदमे नहीं वापस लिए? प्रशासन ने क्या झूठ बोलने का पुलिंदा बांध लिया हैं। सीएम के साथ 500 लोग बैठकें करते हैं और बंगाल-यूपी में जब चुनाव होते हैं, वहां गाइडलाइन का पालन नहीं होता क्या? बात करने के लिए जब नहीं है कुछ, तो किसान आंदोलन का जिक्र कर दो।

बकौल टिकैत, “क्या कोरोना का कोई उद्गम स्थल है यह (आंदोलन स्थल) यह गोमुख है क्या?” बीकेयू नेता अपनी बात पूरी कर पाते, तभी अन्य मेहमान सिंह डिबेट में शामिल हुए। पर टिकैत ने माइक हटाते हुए कहा- न-न…किसी की बात न सुनूंगा। मैं आपका मंच छोड़ रहा हूं। मैं आपसे ही वन टू वन करूंगा। हालांकि, एंकर ने इस दौरान आश्वासन दिया कि टिकैत की सिर्फ उन्हीं से बातचीत होगी, पर सिर्फ इतना कहना काम न आया। टिकैत ने ईयरपीस और माइक हटाया और उठकर चलते बने। वहीं, अन्य किसान नेता झीनी सी मुस्कान दे रहे थे।