भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत और हिंदी समाचार चैनल एबीपी न्यूज की ऐंकर रुबिका लियाकत के बीच एक इंटरव्यू के दौरान जमकर तू-तू मैं-मैं हुई। टिकैत ने रुबिका से कहा कि उन्हें गेहूं-बाजरा के रेट तक की जानकारी नहीं है, जिस पर वह भड़क गईं। पलटवार में बोलीं कि वह जब आलू की बात करती हैं, तो किसान नेता उड़द के मुद्दे पर चले जाते हैं।
दरअसल, यह मामला एबीपी न्यूज के शिखर सम्मेलन से जुड़ा है। 27 अगस्त को इस कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से बीकेयू प्रवक्ता जुड़े थे और वह इस दौरान चंडीगढ़ (पंजाब) में थे। हुआ यूं कि बातचीत के दौरान ऐंकर ने पूछा कि आप पहले कहां थे, जहां चार लाख किसानों ने आत्महत्या कर ली? जहां आप बैठे हैं, वहां भी एक ऐसा ही कानून है…जानते हैं न?
टिकैत ने इस पर जवाब दिया, “चार लाख नहीं। आप पहले अपनी जानकारी दुरुस्त करो। 20 लाख किसानों ने खुदकशी की है।” वह आगे बोले- ये कानून वापस होंगे। जो गोदाम बने हैं, वहां जितना भी माल खरीदकर भर लोगे? आज गेहूं और बाजरा का क्या रेट है, है जानकारी आपको? बाजरा एक हजार रुपए क्विंटल यानी 10 रुपए किलो बिक रहा है। आपको है जानकारी? आपको जानकारी है नहीं। आप तो दिल्ली में बड़े-बड़े पैकेज लेकर बैठे हो।
रुबिका इसी पर बिफर गईं और कहने लगीं, “अरे, मैं आलू की बात करती हूं, तो आप उड़द की बात करने लगते हैं। मैं उड़द की बात करती हूं तो आप गन्ने पर चले जाते हैं। जो सवाल कर रही हूं, उसका जवाब दें न। सिंपल (आसान) सा सवाल पूछ रही हूं कि ह्दय परिवर्तन कैसे हुआ, कहां व्यस्त थे आप?”
किसान नेता इसके बाद कुछ क्षणों के लिए चुप हो गए और एकदम से दावा करने लगे कि ये आवाज बहुत देर में आती-जाती है, इसलिए दिक्कत हो रही है। अब सुन लो और मेरे बीच में बोलना नहीं। देखें- बातचीत के दौरान आगे क्या हुआ?
बता दें कि पंजाब और हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों के किसान कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटकर आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून वापस ले लिए जाएं। वैसे, इस मसले पर अब तक केंद्र और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई, पर वह बेनतीजा साबित रही।