आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के नौ नेताओं ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई से यह प्रतीत होता है कि हम एक लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गए हैं।

केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप

विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। चिट्ठी में CBI और ED जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग करने की भी निंदा की गई है। पत्र में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का जिक्र करते हुए कहा गया है कि बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं के खिलाफ जांच धीमी गति से की जाती है।

पीएम मोदी को ये संयुक्त पत्र BRS प्रमुख चंद्रशेखर राव, JKNC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, NCP प्रमुख शरद पवार, उद्धव बालासाहेब ठाकरे (UBT) के चीफ उद्धव ठाकरे, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने लिखा है। इन नेताओं ने केंद्रीय एजेंसियों की खराब होती छवि पर भी गहरी चिंता व्यक्त की है।

हम लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गए

पत्र में कहा गया है, “हमें उम्मीद है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि भारत अभी भी एक लोकतांत्रिक देश है। विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के घोर दुरुपयोग से लगता है कि हम लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गए हैं।” चिट्ठी में विपक्षी नेताओं ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का मुद्दा भी उठाया।

सिसोदिया के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार

पत्र में लिखा है, “26 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया को उनके खिलाफ सबूतों के बिना सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। सिसोदिया के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और एक राजनीतिक साजिश की तरह लगते हैं। उनकी गिरफ्तारी से पूरे देश में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। मनीष सिसोदिया को दिल्ली की स्कूली शिक्षा को बदलने के लिए विश्व स्तर पर जाना जाता है।” विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि 2014 के बाद से ही जांच एजेंसियों ने विपक्षी नेताओं को निशाना बनाना शुरू किया।