हिन्दी बेल्ट के तीन राज्यों (मध्‍य प्रदेश, छत्‍तीसगढ़ और राजस्‍थान) में परचम लहराकर भाजपा ने साबित कर दिया है कि अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकेले अपने दम पर व‍िधानसभा चुनाव में भी जीत द‍िलवा कर अपनी पार्टी भाजपा को आगे की पंक्ति में खड़ा कर सकते हैं। शोर पराजित होने वाला  ही मचाता है। और, कांग्रेस ने ईवीएम के जर‍िए गड़बड़ करने का मुद्दा उठा भी दिया है। 

अगर EVM वजह है तो सभी दल राष्ट्रव्यापी आंदोलन क्यों नहीं करते

जब कभी भी ईवीएम में गड़बड़ी की खबर आती है, तो आरोप भाजपा को ही लाभ म‍िलने का लगाया जाता है। भाजपा हमेशा खामोश रहती है। अगर सच में सभी राजनीतिक पार्टियों को लगता है क‍ि ईवीएम के जरिए गड़बड़ी की जा सकती है तो उनके द्वारा ईवीएम के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन क्‍यों नहीं किया जा रहा है? 

अपने आप को ठगा महसूस कर रहा देश का मतदाता

क्‍या ऐसा क‍िसी षडयंत्र के तहत क‍िया जा रहा है? कहीं इस षड्यंत्र में कांग्रेस भी तो शामिल नहीं है? ऐसी शंकाएं लोगों के मन में पनपने लगी हैं। देश का मतदाता अपने आप को बुरी तरह से ठगा महसूस कर रहा है। इसल‍िए अगर सच में ईवीएम में दोष लगता है तो वर्ष 2024 के आम चुनाव आने से पहले ईवीएम को प्रतिबंधित कराने के ल‍िए पार्ट‍ियों को आगे आना चाह‍िए।

कई दलों का मानना है कि EVM से छेड़छाड़ संभव है

वैसे यह सच है क‍ि ईवीएम लंबे समय से संदेह के घेरे में है। पार्ट‍ियों का कहना है क‍ि इसमें छेड़छाड़ संभव है, लेक‍िन चुनाव आयोग इसे नहीं मानता है। यह भी सच है क‍ि कई देशों में ईवीएम द्वारा मतदान पूर्णतः प्रतिबंधित है। ऐसे में यह जरूरी है क‍ि शक करने वालों को यकीन द‍िलाया जाए क‍ि ईवीएम से मतदान पूरी तरह सुरक्ष‍ित है। ऐसा नहीं क‍िया जाना जरूर क‍िसी न क‍िसी षड्यंत्र की बू देता है। 

वैसे, इस चुनाव परिणाम के बाद देश का जनमानस कयास लगाने लगा है कि वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव अब एकतरफा होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन पांचों राज्यों के परिणाम ने सभी को रोमांचित कर दिया है। कोई इस बात की कल्पना नहीं कर पा रहा था कि भाजपा की इतनी जबरदस्‍त लहर है। चुनाव के अंतिम दिनों तक बड़े-बड़े विशेषज्ञ भी इस पर‍िणाम का अनुमान नहीं लगा सके थे। 

अब कहा जाने लगा है कि पूरे देश में इस चुनाव का असर होगा और 2024 में भाजपा एक बार फिर सत्ता हासिल करेगी। सच तो यह है कि ऐसा प्रायः होता नहीं है, जिसका प्रमाण देश की राजधानी दिल्ली ही है। जहां भाजपा और कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में औंधे मुंह गिरना पड़ा था और परिणाम यह हुआ कि आम आदमी पार्टी की शानदार जीत हुई और भाजपा-कांग्रेस सिंगल डिजिट में ही सिमट गई, लेकिन लोकसभा में उसी दिल्ली में एक भी लोकसभा सांसद आम आदमी पार्टी का निर्वाचित नहीं हो सका। बहरहाल ताजा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह जरूरी है क‍ि ईवीएम पर छाया व‍िश्‍वास का संकट खत्‍म क‍िया जाए। 

Senior Journalist Nishikant Thakur | EVM | Congress |

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं। इस ब्‍लॉग में व्‍यक्‍त व‍िचार उनके न‍िजी व‍िचार हैं।)