देश में हर पांच में से एक व्यक्ति को कोरोना विषाणु संक्रमण होने की पुष्टि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के ताजा राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण में हुई है। सर्वेक्षण के मुताबिक 18 साल और इससे अधिक उम्र की 21.4 फीसद से अधिक जनसंख्या के पूर्व में कोरोना विषाणु संक्रमण की चपेट में आने के साक्ष्य मिले हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि देश की 28-29 करोड़ आबादी में कोरोना विषाणु से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। वहीं, अभी भी 70 फीसद से अधिक आबादी पर संक्रमण का जोखिम है। पहले सर्वेक्षण में 0.7 फीसद और दूसरे सर्वेक्षण में सात फीसद लोगों में संक्रमण के साक्ष्य मिले थे।
आइसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हमने तीसरा राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण सात दिसंबर से आठ जनवरी के बीच किया था, उस समय तक देश में टीकाकरण की शुरुआत नहीं हुई थी। उन्होंने बताया कि इस अवधि में 18 साल और इससे अधिक आयु के 28,589 लोगों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 21.4 फीसदी लोगों में पूर्व में कोरोना विषाणु संक्रमण की चपेट में आने का पता चला जबकि 10 से 17 साल की आयु के 25.3 फीसद बच्चों में भी यह पुष्टि हुई।
भार्गव ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 19.1 फीसद आबादी में कोरोना विषाणु की उपस्थिति के साक्ष्य मिले जबकि शहरी झुग्गी-बस्तियों में यह आंकड़ा 31.7 फीसद पाया गया। वहीं, गैर शहरी झुग्गी-बस्तियों में यह आंकड़ा 26.2 फीसद रहा। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान 18 से 44 आयु के 19.9 फीसद, 45 से 60 आयु के 23.4 फीसद और 60 साल से अधिक आयु के 23.4 फीसद लोगों के भी कभी ना कभी संक्रमण की चपेट में आने का पता चला। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में शामिल 22.7 फीसद महिलाएं और 20.3 फीसद पुरुषों में संक्रमित होने के साक्ष्य मिले हैं।
भार्गव ने कहा कि सर्वेक्षण की अवधि में 7,171 स्वास्थ्यकर्मियों के भी खून के नमूने लिए गए और इनमें से 25.7 फीसद के पूर्व में संक्रमण की चपेट में आने की पुष्टि हुई। उनके मुताबिक डॉक्टरों व नर्सों में 26.6 फीसद, पैरामेडिकल कर्मियों में 25.4 फीसद, फील्ड कर्मियों में 25.3 फीसद और प्रबंधन कर्मियों में 24.9 फीसद में कोरोना से संक्रमित होने के सबूत मिले हैं। पहले व दूसरे राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण के दौरान जिन 21 राज्यों के 700 गांव या 70 जिलों के जिन वार्डों को चुना गया था, तीसरा सर्वेक्षण भी उन्हीं स्थानों पर किया गया। देश में पहला राष्ट्रीय सर्वेक्षण मई-जून 2020 और दूसरा सर्वेक्षण अगस्त-सितंबर 2020 में हुआ था।
भार्गव ने कहा कि सर्वेक्षण से पता चलता है कि देश में अभी भी 70 फीसद से अधिक लोगों पर संक्रमण का जोखिम है। ऐसे में हमें अभी भी कोरोना से बचने के लिए जरूरी सावधानियां जैसे दो गज की दूरी, बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग और हाथों की स्वच्छता का पहले की तरह ही ध्यान रखना है।