निर्वाचन आयोग ने पिछले हफ्ते ही अपनी वेबसाइट पर चुनावी बॉन्ड के आंकड़े सार्वजनिक किए। सुप्रीम कोर्ट ने यह जानकारी साझा करने के लिए आयोग को 15 मार्च तक की समय सीमा दी थी। ECI के अनुसार, फ्यूचर गेमिंग, मेघा इंजीनियरिंग और क्विक्सप्लाईचैन प्राइवेट लिमिटेड इलेक्टोरल बॉन्ड के टॉप 3 डोनर्स हैं। वहीं, दस क्षेत्रीय दलों जिनमें से अधिकतर ने 12 अप्रैल, 2019 से पहले इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से लगभग 900 करोड़ रुपये का दान हासिल किया। यह वह तारीख है जिसके बाद राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए सभी चुनावी बॉन्ड का विवरण दिया गया।
10 क्षेत्रीय दलों में से आठ – आम आदमी पार्टी (दिल्ली), तेलुगु देशम पार्टी (आंध्र प्रदेश), ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (पश्चिम बंगाल), बीजू जनता दल (ओडिशा), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस- तेलंगाना में पूर्ववर्ती टीआरएस), सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (सिक्किम), जनता दल (यूनाइटेड) (बिहार), और शिवसेना (महाराष्ट्र) 2018 की शुरुआत और 12 अप्रैल, 2019 में चुनावी बॉन्ड योजना की स्थापना के बीच की अवधि के दौरान सत्ता में थे। एकमात्र अपवाद युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी (आंध्र प्रदेश) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (महाराष्ट्र ) थीं।
बीजेडी को मिला सबसे ज्यादा दान
इन 10 क्षेत्रीय दलों में से, बीजेडी ने 16 जुलाई 2018 और 9 अप्रैल 2019 के बीच सबसे अधिक 235 करोड़ रुपये प्राप्त करने की जानकारी दी। इसके बाद बीआरएस ने 11 अक्टूबर 2018 और 10 अप्रैल 2019 के बीच 192.6 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाए। दो अन्य पार्टियों – वाईएसआरसीपी (165.8 करोड़ रुपये) और टीडीपी (101.8 करोड़ रुपये) – ने 12 अप्रैल, 2019 से पहले 100 करोड़ रुपये से अधिक के बॉन्ड भुनाए। तृणमूल कांग्रेस ने 16 जुलाई 2018 और 11 अप्रैल 2019 के बीच 98.28 करोड़ रुपये के बॉन्ड भुनाए।
जेडी (यू) ने बताया कि उसने 12 अप्रैल 2019 से पहले 10 करोड़ रुपये के 10 इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाए थे। ये बांड 2 अप्रैल, 2019 को एसबीआई की कोलकाता शाखा से खरीदे गए थे। 30 मई, 2019 को चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में, जेडी (यू) ने लिखा, “कोई व्यक्ति 3 अप्रैल, 2019 को पटना में हमारे कार्यालय में आया और एक सीलबंद लिफाफा दिया और जब इसे खोला गया तो हमें एक करोड़ रुपये के 10 चुनावी बॉन्ड मिले। भारत सरकार के राजपत्र अधिसूचना के अनुसार हमने एसबीआई मुख्य शाखा, पटना में एक खाता खोला और इसे जमा किया जो 10 अप्रैल 2019 को हमारी पार्टी के खाते में जमा किया गया।
सपा को मिला इतना
एसडीएफ ने बताया कि उसने 12 अक्टूबर, 2018 को कुल 50 लाख रुपये के पांच इलेक्टोरल बॉन्ड (प्रत्येक 10 लाख रुपये में) भुनाए। पार्टी ने चुनाव आयोग को बताया कि सभी पांच बॉन्ड वडोदरा-बीआरडी एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड द्वारा एसडीएफ को दान किए गए थे।
अन्य क्षेत्रीय दलों में, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कुल 56 करोड़ रुपये प्राप्त करने की सूचना दी, जिसमें से 55 करोड़ रुपये 6 जुलाई से 13 अक्टूबर, 2023 के बीच आए। शेष 1 करोड़ रुपये पार्टी को 16 अप्रैल 2019 को प्राप्त हुए। इसी तरह, समाजवादी पार्टी ने 30 सितंबर, 2023 तक चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कुल 14.05 करोड़ रुपये का दान हासिल किया। सपा के सभी इलेक्टोरल बॉन्ड 18 अप्रैल, 2019 के बाद आए। इसका मतलब है कि समाजवादी पार्टी ने 18 अप्रैल, 2019 से पहले की चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कोई भी राशि हासिल नहीं की।
बहुजन समाज पार्टी ने बताया कि उसे 7 नवंबर, 2023 तक चुनावी बांड के माध्यम से कोई दान नहीं मिला है। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बताया कि उसे 50 लाख रुपये का केवल एक चुनावी बांड मिला, जो 4 अप्रैल, 2019 को भारती ग्रुप द्वारा उसे दान किया गया था।