जनता दल (यूनाइटेड) ने चुनाव आयोग को एक दिलचस्प जानकारी दी है। चुनाव आयोग को जेडीयू ने बताया कि उसके कार्यालय में 10 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड कोई रख गया था और बाद में उसने उसे भुना लिया। हालांकि जेडीयू ने कहा कि किसने यह बॉन्ड दिया है, उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। रविवार को राजनीतिक दलों ने अपने-अपने इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में जानकारी सार्वजनिक की थी।
जेडीयू ने चुनाव आयोग को बताया कि 3 अप्रैल 2019 को पटना जेडीयू कार्यालय में 10 करोड़ रुपये का चुनावी बॉन्ड आया था। हालांकि चंदा किसने दिया था इसकी कोई जानकारी पार्टी के पास नहीं है। चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में जेडीयू ने कहा, “कोई व्यक्ति 3-4-2019 को पटना में हमारे कार्यालय में आया और एक सीलबंद लिफाफा सौंपा। जब इसे खोला गया तो हमें 1 करोड़ रुपये के 10 चुनावी बॉन्ड मिले थे।”
जेडीयू ने चुनाव आयोग को बताया कि 10 अप्रैल 2019 को ही हमारी पार्टी ने 10 करोड़ के बॉन्ड को पटना के मुख्य एसबीआई ब्रांच में जमा कर दिया। हालांकि जब डोनर के बारे में जानकारी मांगी गई, तब जेडीयू ने कहा कि इसे देने में वह असमर्थ है।
जेडीयू को बॉन्ड से 24 करोड़ का चंदा मिला
जेडीयू को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कुल 24 करोड़ का चंदा मिला है। जेडीयू ने चुनाव आयोग को बताया कि उसे भारती एयरटेल और श्री सीमेंट से 1 करोड़ रुपये और 2 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड प्राप्त हुए हैं। फाइलिंग में जेडीयू ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कुल 24.4 करोड़ रुपये के चंदे के बारे में जानकारी दी है।
जेडीयू को मिले ज्यादातर इलेक्टोरल बॉन्ड हैदराबाद और कोलकाता में स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं से जारी किए गए थे। कुछ बॉन्ड पटना स्थित एसबीआई ब्रांच से भी जारी किए गए थे।
चुनावी बॉन्ड के जरिए बीजेपी को 6 हजार करोड़ से अधिक का चंदा मिला है। वहीं टीएमसी को 1600 करोड़ से अधिक की रकम मिली है। कांग्रेस को भी 1300 करोड़ से अधिक का चंदा मिला है।