चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर कांग्रेस चाहती है कि वो पार्टी में शामिल होकर एक कार्यकर्ता की तरह काम करें। इस बीच प्रशांत किशोर की गांधी परिवार सहित कांग्रेस नेतृत्व के साथ बैठक भी हुई। जिसमें उन्होंने पार्टी की बेहतरी के लिए कुछ सुझाव दिये हैं। हालांकि दिल्ली में कांग्रेस और तेलंगाना में टीआरएस के साथ प्रशांत किशोर की बनती करीबी कांग्रेस की तेलंगाना ईकाई को परेशानी में डाल दिया है।

दरअसल एक तरफ से जहां प्रशांत किशोर 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करना चाह रहे हैं तो वहीं तेलंगाना में वो टीआरएस के लिए भी काम कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के भीतर असहज स्थिति बन गई है। इतना ही नहीं कांग्रेस के अंदर असंतुष्ट नेताओं समेत बड़ा तबका ऐसा भी है जो प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने के खिलाफ हैं।

इस बीच कांग्रेस नेतृत्व के सामने प्रशांत किशोर ने एक प्रेजेंटेशन दिया। जिसपर कांग्रेस ने कहा है कि उनके सुझावों पर गौर करने के लिए एक समिति नियुक्त करेगी। वहीं कांग्रेस के साथ बैठकों के दौर में खबर यह भी है कि प्रशांत किशोर ने फरवरी में टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाकात की थी।

बता दें कि कांग्रेस तेलंगाना में राव और उनकी सरकार पर निशाना साधती रही है। ऐसे में प्रशांत किशोर कांग्रेस के साथ-साथ टीआरएस के करीब देखे जा रहे हैं। वहीं खबरें थीं कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने एक जनसभा में प्रशांत किशोर को लेकर कहा कि राज्य में उनकी कोई रणनीति कारगर नहीं होगी।

बीते रविवार तेलंगाना के एआईसीसी प्रभारी मनिकम टैगोर ने एक ट्वीट में कहा कि टीआरएस के साथ कांग्रेस के गठबंधन की अफवाहें पूरी तरह से झूठी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तेलंगाना को टीआरएस और भाजपा से बचाने के अपने संकल्प से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी।

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अमेरिका में रहते हुए भी अंबेडकर जयंती मना गए विदेश मंत्री एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर पिछले हफ्ते अमेरिका यात्रा के दौरान देश से दूर रहने के बाद भी न्यूयॉर्क में अंबेडकर जयंती मनाई। बता दें कि न्यूयॉर्क में इस मौके पर एक समारोह आयोजित किया गया था। जिसमें भारतीय महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल स्थानीय समुदाय के साथ शामिल हुए। इसमें स्थानीय समुदाय ने अच्छी तरह से भाग लिया और अंबेडकर के जीवन पर एक वीडियो भी दिखाया गया।

इस मौके पर जयशंकर ने कहा कि संविधान के शिल्पकार के तौर पर डॉ भीमराव अंबेडकर ने हमें जो विरासत दी है वो सबसे मूल्यवान है। उनका विजन, वो ब्लू प्रिंट आज हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं।