झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जारी है। इस बीच चुनाव आयोग ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है। चुनाव आयोग ने अपने पत्र के माध्यम से दोनों दलों के स्टार प्रचारकों को हिदायत दी है। बता दें कि दोनों ही दलों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर एक दूसरे के खिलाफ शिकायत की थी। अब चुनाव आयोग ने दोनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों से प्रतिक्रिया मांगी है।

बीजेपी ने राहुल गांधी की शिकायत की

चुनाव आयोग ने बीजेपी और कांग्रेस को 18 नवंबर दोपहर 1 बजे तक जवाब भेजने को कहा है। बता दें कि भाजपा ने राहुल गांधी की शिकायत की थी। राहुल गांधी ने एक रैली में दावा किया था कि बीजेपी संविधान को नष्ट करना चाहती है। 6 नवंबर को महाराष्ट्र में राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित किया था। इसी रैली का जिक्र बीजेपी ने अपने पत्र में किया है।

राहुल गांधी ने जनसभा में भाजपा और आरएसएस पर संविधान को नष्ट करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा कि कांग्रेस नेता महाराष्ट्र में युवाओं को भड़का रहे हैं और यह देश की एकता और अखंडता के लिए बेहद खतरनाक है।

गौतम अडानी, शरद पवार, अजित पवार, देवेंद्र फडणवीस, अमित शाह… आखिर 5 साल पुराना घटनाक्रम फिर चर्चा में क्यों आया?

कांग्रेस ने अमित शाह की शिकायत की

इसके बाद कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की शिकायत चुनाव आयोग से की है। कांग्रेस ने अमित शाह के 12 नवंबर को झारखंड के धनबाद में एक रैली का जिक्र किया है। कांग्रेस ने कहा कि अमित शाह ने उसके और उसके सहयोगियों के बारे में कई झूठे और निंदनीय बयान दिए। कांग्रेस की शिकायत के मुताबिक अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी एससी, एसटी और ओबीसी के खिलाफ हैं। उन्होंने कांग्रेस और उसके सहयोगियों को आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा कि अमित शाह ने झूठा बयान दिया है और उनका उद्देश्य धर्म और जाति के आधार पर मतदाताओं को भड़काने का है।

कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा कि अमित शाह ने कांग्रेस पर एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय से आरक्षण छीनने का आरोप लगाया और एक विशेष धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय को देने का झूठा आरोप लगाया है।