आगामी लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने अपना आखिर बजट गुरुवार को पेश कर दिया है। इस बजट में केवल छह बड़ी योजनाओं को केंद्रित कर इस बजट को चुनाव रंग देने की कोशिश की है। इन योजनाओं में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी, आयुष्मान भारत, उत्पादकता से जुडी खास योजनाएं, सौर ऊर्जा योजना और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शामिल है। इन सभी मदों के लिए केंद्र सरकार ने अलग इस बार अतिरिक्त बजटीय प्रावधान किया गया है। हालांकि इससे पूर्व 2019 में पेश किए गए बजट में केंद्र सरकार आम जनता के लिए 23 योजना लेकर आई थी।

केंद्र सरकार ने जिन योजनाओं के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया है। वे सीधे तौर पर आम जनता से जुड़ी हुई हैं, इसलिए इसका लाभ पार्टी को मिल सकता है। अब तक सरकार सीधे तौर पर वित्तीय लाभ पहुंचाने वाली ऐसी ही योजनाओं के जरिये आम जनता को सीधे सरकार से जोड़ती रही है। बजटीय प्रावधान के मुताबिक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए बीते वर्ष 60 हजार करोड़ की धनराशि का प्रावधान था, इस धनराशि को सरकार ने बढ़ाकर 86 हजार करोड़ रुपए किया है।

इसी प्रकार आयुष्मान भारत योजना के प्रावधान को 7200 से बढ़ाकर 7500 करोड़, उत्पादन से जुड़ी इंसेटिव योजना को 4645 से बढ़ाकर 6200 करोड़, सोलर ग्रिड योजना को 4770 से बढ़ाकर 8500 करोड़, राष्ट्रीय हरित हाइड्रो मिशन की मद को 297 करोड़ की तुलना में इस साल सीधे 600 करोड़ कर दिया है।

वर्ष 2014 के वादे

व्यक्तिगत आयकर में कोई बदलाव नहीं था। कार समेत अन्य वाहनों को सस्ता करने के लिए कर तीन माह के लिए कम किया था। कार व दुपहिया आदि के लिए कर की दर 12 से घटाकर 8 फीसद की थी। इसके अतिरिक्त महंगी कारों के लिए भी कर दर 30 फीसद से घटाकर 24 फीसद की थी।

वर्ष 2019 के वादे

पांच लाख तक की आय वालों को आय कर में पूर्ण छूट दी गई थी। बैंक पोस्ट आफिस में डीडीएस को 10 से बढ़ाकर 40 हजार किया था। भारतीय महिला बैंक स्थापित किए जाएंगे मोबाइल के दामों में कमी के लिए कर नए सिरे से तय होंगे। सामान चढ़ाना- उतारना, पैक करना, गोदाम की जगह आदि को कर दायरे से बाहर करने का एलान।

2019 में दिया था 23 योजनाओं का तोहफा

2019 में चुनाव से ठीक पहले पेश हुए अंतरिम बजट में केंद्र सरकार 23 योजनाओं का तोहफा आम जनता को दिया था। इसमें सबसे बड़ा ऐलान पीएम किसान योजना थी, इसके तहत हर साल छ: हजार रुपए की मदद दी गई थी। इस राशि को तीन किश्त में किसानों को उपलब्ध कराया था। सरकार ने चुनाव से पहले ही दो किश्त जारी कर दी थी, इस वजह से भाजपा 2014 के मुकाबले अधिक सीट से जीती थी।

हालांकि इनमें ऐसी भी कई योजनाएं थी, जो कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में घोषित की गई थी। हालांकि इन योजनाओं के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुआई वाली सरकार ने 26 हजार करोड़ के कर्ज को माफ करने का एलान कर दिया था, इसका लाभ कांग्रेस को यह मिला था कि उसे 2009 के चुनावों में 2004 में अधिक सीट मिली थी।