जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला से जम्मू कश्मीर बैंक से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग घोटले में प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की। इस पर उनकी पार्टी ने बयान जारी करते हुए कहा कि जेकेएनसी के उमर अब्दुल्ला को आज दिल्ली में ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था और इसके पीछे कारण बताया गया कि यह जांच के लिए जरुरी है। यह पूरा घटनाक्रम राजनीति से प्ररित है लेकिन उमर सहयोग करेंगे क्योंकि वह गलत नहीं है।
उनकी पार्टी के प्रवक्ता गगन भगत ने कहा कि सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां “केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के इशारे पर” काम कर रही हैं।
पिछले महीने सीबीआई ने जम्मू एंड कश्मीर बैंक के चेयरमैन मुश्ताक अहमद शेख समेत अन्य 18 लोगों को 800 करोड़ रुपए के घोटाले में गिरफ्तार किया था। इन लोगों पर आरोप था कि बिना की संपत्ति को गिरवी रखकर और जाली दस्तावेजों के जरिये आरईआई एग्रो कंपनी को लोन जारी कर दिया गया। वहीं, अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में पहले ही आरईआई एग्रो के चेयरमैन संजय झुनझुनवाला और प्रबंधक निदेशक संदीप झुनझुनवाला को गिरफ्तार कर लिया है।
2011-13 के बीच हुआ घोटाला: जम्मू कश्मीर की एंटी करप्शन ब्रांच ने जांच में पाया था कि इस घोटाले की वजह से बैंक को 800 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह लोन जाली दस्तावेजों के जरिए 2011 और 2013 के बीच नियमों को ताक पर रखकर दिए गया था। यह वहीं समय था जब उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थें।
इससे पहले एक अन्य मामले को लेकर सीबीआई जम्मू कश्मीर बैंक के प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज कर चुका है। यह मामला 2010 में जम्मू कश्मीर बैंक के प्रबंधन की ओर से मुंबई के बांद्रा- कुर्ला में आकृति गोल्ड बिल्डर्स से अधिक दाम में संपत्ति खरीदने को लेकर था, जिसमें बैंक प्रबंधन ने टेंडर के नियमों की अनदेखी करते हुए बिल्डर को बाजार मूल्य से 180 करोड़ रुपए अधिक दिए थे।