National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में जांच एजेंसी ED की ओर से अदालत में चार्जशीट दायर किए जाने के बाद कांग्रेस सड़क पर उतर आई है। क्योंकि ईडी की चार्जशीट में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता राहुल गांधी, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा, सुमन दुबे सहित कई लोगों के नाम शामिल हैं।

बताना होगा कि दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में ED की ओर से चार्जशीट दायर की गई है। अदालत इस मामले में 25 अप्रैल को सुनवाई करेगी। 11 अप्रैल को ED ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के संपत्ति रजिस्ट्रारों को नोटिस जारी किए थे, जहां एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियां हैं।

कांग्रेस ने कहा- बदले की राजनीति

कांग्रेस ने कहा है कि नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की ओर से दायर की गई चार्जशीट की कार्रवाई पूरी तरह बदले की राजनीति है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह विपक्षी नेताओं को डराने के लिए सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन बीजेपी ने भी इसका जवाब दिया है।

बीजेपी के प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सोनिया और राहुल गांधी जमानत पर बाहर हैं। प्रसाद ने कहा, “सोनिया और राहुल ने मामले को खत्म करने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। राहुल गांधी और सोनिया गांधी को जवाब देना चाहिए कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए या नहीं? नरेंद्र मोदी की सरकार कानून को अपना काम करने देगी।”

प्रसाद ने कहा कि सरदार पटेल ने कहा था कि नेशनल हेराल्ड को पैसे देने वाले लोग अच्छे लोग नहीं हैं, फिर भी, एक अखबार जिसे कांग्रेस पार्टी का प्रचार और संरक्षण प्राप्त था, वह क्यों नहीं चल पाया? क्योंकि यह अखबार केवल विज्ञापन इकट्ठा करने और सरकारी सहयोग से संपत्ति बनाने का साधन था। उन्होंने कहा कि जिस अखबार से आजादी के लिए लड़ रहे लोगों की आवाज को मजबूत करने की उम्मीद थी, उन्होंने उस अखबार को निजी व्यवसाय, एटीएम बना दिया।

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ED ने चार्जशीट में क्या कहा?

ED ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को हड़पने के लिए आपराधिक साजिश रची। ED ने कहा है कि साजिश के तहत उन्होंने कंपनी के 99% शेयर सिर्फ 50 लाख रुपये में बेच दिए। एजेएल की ये संपत्तियां एक प्राइवेट फर्म यंग इंडियन द्वारा खरीदी गई थीं और इस फर्म के मालिक सोनिया और राहुल गांधी हैं।

ED की चार्जशीट में सोनिया को आरोपी नंबर 1 और राहुल को आरोपी नंबर 2 बनाया गया है।

इस मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2014 में शिकायत की थी और इसमें गांधी परिवार और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया था।

आइए, नेशनल हेराल्ड मामले की टाइमलाइन पर एक नजर डालते हैं।

2015: इस मामले में शिकायत किए जाने के बाद सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे को पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत दे दी।

2016: सभी पांचों आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी लेकिन उनके खिलाफ कार्यवाही समाप्त करने से इनकार कर दिया।

2018: केंद्र सरकार ने 56 साल पुराने स्थायी पट्टे को रद्द कर दिया और हेराल्ड हाउस से एजेएल को हटाने का काम शुरू किया। क्योंकि एजेएल अब प्रिंटिंग या पब्लिशिंग का काम नहीं कर रहा था और इसके लिए ही इसे 1962 में बिल्डिंग दी गई थी।

2019: सुप्रीम कोर्ट ने एजेएल के खिलाफ कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी।

2021: ED ने बीजेपी नेता स्वामी की शिकायत पर जून, 2014 में पटियाला हाउस कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश के आधार पर जांच शुरू की।

2023: ईडी ने नवंबर 2023 में दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में संपत्तियों को कुर्क किया।

2025: पिछले हफ्ते ईडी ने 661 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कब्जे के लिए नोटिस जारी किए। इन्हें पहले ही जांच के तहत कुर्क कर लिया गया था।

2025: 9 अप्रैल को ईडी के स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर एन.के. मट्टा ने Prevention of Money Laundering Act (PMLA) की धारा 3 और 4 के तहत सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल की।

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