शेयर बाजार में पिछले दो दिनों में गिरावट से निवेशकों को 2.72 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी। पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव के कारण कच्चे तेल के दाम में तेजी से शेयर बाजारों में बड़े स्तर पर बिकवाली देखी जा रही है।बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स मंगलवार को 642.22 अंक यानी 1.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36,481.09 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान इसमें एक समय 704.22 अंक की गिरावट आ गयी थी।सोमवार को बीएसई सेंसेक्स 262 अंक टूटा था।भारी बिकवाली के कारण बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,72,593.54 करोड़ रुपये घटकर 1,39,70,356.22 करोड़ रुपये पर आ गया।

गौरतलब है कि शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट आयी और सेंसेक्स 642 अंक टूटकर 36,481.09 अंक पर बंद हुआ। निवेशकों को आशंका है कि कच्चे तेल के दाम में तेजी से देश की राजकोषीय स्थिति बिगड़ सकती है और इसके कारण अर्थव्यवस्था की समस्या बढ़ेगी।सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर ड्रोन से हमलों के बाद कच्चे तेल के दाम में तेजी के बीच वैश्विक स्तर पर कमजोर धारणा का असर घरेलू बाजार पर पड़ रहा है।तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 642.22 अंक यानी 1.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36,481.09 अंक पर बंद हुआ।

एक समय इसमें 704 अंक तक की गिरावट आ गयी थी।इसी प्रकार नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 185.90 अंक यानी 1.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,817.60 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के जिन शेयरों में अधिक गिरावट दर्ज की गयी, उनमें हीरो मोटो कार्प, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, टाटा स्टील, मारुति और एसबीआई शामिल हैं। इन शेयरों में 6.19 प्रतिशत तक की गिरावट आयी।तीस शेयरों में से केवल एचयूएल, एशियन पेंट्स और इन्फोसिस लाभ में रहे।

ब्रेंट क्रूड का भाव सोमवार को 20 प्रतिशत उछल कर एक समय कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था और अंत में 15 प्रतिशत तेजी पर टिका था। हालांकि मंगलवार को तेल का भाव हल्का घट कर 67.97 डालर प्रति बैरल पर आ गया।रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी सोमवार को आगाह किया कि अगर तेल के दाम उच्च स्तर पर बना रहता है तो भारत के चालू खाते और राजकोषीय घाटे की स्थिति बिगड़ सकती है।