चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर चुनाव अनियमितताओं के उन पुराने आरोपों को दोहराने का आरोप लगाया, जिनका निपटारा सुप्रीम कोर्ट द्वारा किया जा चुका है। आयोग ने कांग्रेस नेता से कहा कि वह मतदाता सूची में गलत प्रविष्टियों के अपने दावों पर शपथपत्र दें या माफी मांगें।

निर्वाचन आयोग ने बताया कि यह मुद्दा सबसे पहले 2018 में मध्य प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष कमलनाथ ने उठाया था, जिसका निपटारा शीर्ष अदालत ने कर दिया था। EC ने कहा, “कांग्रेस नेता जानते थे कि अदालत में यही चाल’ नहीं दोहराई जा सकती इसलिए उन्होंने मतदाता सूची में अनियमितताओं का दावा करके लोगों को गुमराह करने की कोशिश की और तर्क दिया कि एक ही नाम अलग-अलग जगहों पर हैं। आदित्य श्रीवास्तव का नाम जो कथित तौर पर तीन अलग-अलग राज्यों की मतदाता सूची में था, महीनों पहले ठीक कर दिया गया था।”

EC बोला- राहुल गांधी को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसलों का सम्मान नहीं

चुनाव आयोग ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया का लाभ उठाने के बजाय, राहुल ने मीडिया के सामने निराधार दावे करके मामले को सनसनीखेज बनाने की कोशिश की। आयोग ने कहा, “एक ही मुद्दे को बार-बार उठाना दर्शाता है कि राहुल गांधी को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसलों का कोई सम्मान नहीं है। क़ानून दोनों ही मामलों में फ़ैसला लेने के लिए एक विशिष्ट प्रक्रिया प्रदान करता है।”

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निर्वाचन आयोग ने इन दावों को भी खारिज कर दिया कि विभिन्न राज्यों में उसकी वेबसाइट बंद हैं और उस पर उपलब्ध मतदाता सूची गायब है। आयोग ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट में कोई समस्या नहीं है। लॉन्च होने के बाद से यह सुचारू रूप से काम कर रही है।’’

संसद के भीतर संविधान की शपथ ली है- राहुल

राहुल गांधी द्वारा कम से कम तीन राज्यों में वोट चोरी के आरोपों को लेकर निर्वाचन आयोग ने कहा कि अगर उन्हें अपने विश्लेषण पर विश्वास है और लगता है कि उसके खिलाफ लगाये गए आरोप सही हैं तो उन्हें चुनावी नियमों के तहत शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने और मतदाता सूची में गलत तरीके से जोड़े गए या हटाये गए नामों को सौंपने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

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वहीं, कांग्रेस नेता ने उनसे शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने या माफी मांगने के लिए कहे जाने के बाद निर्वाचन आयोग पर पलटवार किया और कहा कि उन्होंने संसद के भीतर संविधान की शपथ ली है। राहुल ने शुक्रवार को बेंगलुरु में ‘वोट अधिकार रैली’ में संविधान की प्रति दिखाते हुए कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग मुझसे हलफनामा मांगता है। वो कहता है कि मुझे शपथ लेनी होगी। मैंने संसद में संविधान की शपथ ली है।’’

तेजस्वी यादव को चुनाव आयोग का नोटिस

वहीं, दूसरी ओर चुनाव आयोग ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को फर्जी वोटर आईडी कार्ड दिखाने के मामले में नोटिस जारी किया। आयोग ने कहा है कि 16 अगस्त तक उन्हें वह फर्जी वोटर आईडी कार्ड जमा करना होगा वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी। निर्वाचन अधिकारी, पटना ने तेजस्वी यादव को लिखा, “ऐसा लगता है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आपके द्वारा प्रदर्शित किया गया EPIC नकली है। झूठे सरकारी दस्तावेज बनाना और उनका उपयोग करना कानूनी अपराध है। आपसे अनुरोध है कि आप 16 अगस्त को शाम 5 बजे तक हमारे कार्यालय में यह नकली EPIC जमा कर दें।”

राहुल गांधी ने लगाया था ‘वोट चोरी’ का आरोप

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने दरअसल गुरुवार को दावा किया था कि कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में 1,00,250 मतों की ‘वोट चोरी’ हुई है जिसमें एक विधानसभा क्षेत्र में 11,965 डुप्लीकेट मतदाता हैं, 40,009 मतदाता फर्जी और अवैध पते वाले हैं, 10,452 मतदाता सामूहिक या एक जैसे पते वाले हैं, 4,132 मतदाता अवैध फोटो वाले हैं और 33,692 मतदाता नए मतदाताओं के फार्म 6 का दुरुपयोग कर रहे हैं। पढ़ें- SIR पर राहुल को शाह ने दिखाया आईना

(भाषा के इनपुट के साथ)