पूर्वी लद्दाख में गोगरा पोस्ट टकराव बिंदु पर करीब 15 महीनों तक आमने-सामने रहने के बाद भारत और चीन के जवान पीछे हट गए हैं। दोनों पक्षों ने वहां से अपने-अपने जवानों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है तथा जमीनी स्थिति को गतिरोध-पूर्व अवधि की हालत में बहाल कर दिया गया है। भारतीय थल सेना ने बयान जारी कर गोगरा पोस्ट की ताजा स्थिति के बारे में जानकारी दी। दोनों देशों के कोर कमांडर स्तरीय 12वें दौर की वार्ता में गोगरा पोस्ट से पीछे हटने को लेकर सहमति बनी थी।

थल सेना ने कहा कि सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया चार और पांच अगस्त को की गई और दोनों पक्षों के सैनिक अब अपने-अपने स्थायी बेस में हैं। गोगरा को गश्त बिंदु (पेट्रोलिंग प्वाइंट)-17ए के रूप में जाना जाता है। थल सेना ने अपने बयान में कहा, ‘इलाके में दोनों पक्षों द्वारा निर्मित सभी अस्थायी ढांचों और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचों को नष्ट कर दिया गया है और परस्पर तरीके से उनका सत्यापन किया गया है। दोनों पक्षों ने इलाके में स्थलाकृति को गतिरोध-पूर्व स्थिति में बहाल कर दिया है।’

बयान में कहा गया है कि सैनिकों को पीछे हटाने का समझौता यह सुनिश्चित करेगा कि गोगरा में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का दोनों पक्षों द्वारा सख्ती से अनुपालन और सम्मान किया जाएगा और यथास्थिति में एकतरफा तरीके से कोई बदलाव नहीं हो। थल सेना ने कहा, ‘इसके साथ ही, आमना-सामना वाले एक और अधिक संवेदनशील इलाके का समाधान हो गया है। दोनों पक्षों ने वार्ता को आगे ले जाने और पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर शेष मुद्दों का समाधान करने की प्रतिबद्धता जताई है।’ पूर्वी लद्दाख का जिक्र सरकार पश्चिमी सेक्टर के रूप में करती है। बयान में कहा गया है, ‘भारतीय थल सेना, आइटीबीपी के साथ राष्ट्र की संप्रभुता बनाए रखने और पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर शांति व स्थिरता बरकरार रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।’ सेना ने कहा कि दोनों पक्षों ने गोगरा में अग्रिम मोर्चे की तैनातियों को एक चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से रोक दिया है।

हॉट स्प्रिंग, देपसांग और देमचोक में गतिरोध जारी
गोगरा पोस्ट के बाद पूर्वी लद्दाख में अब तीन जगह ऐसे रह गए हैं, जहां गतिरोध जारी है। भारतीय सैन्य कमांडरों ने हाल की 12वें दौर की वार्ता में इन जगहों से भी चीनी जवानों के पीछे हटने की बात उठाई थी, लेकिन चीनी कमांडरों ने हॉट स्प्रिंग (पीपी15) को लेकर तर्क दिया कि वे लोग वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपने इलाके में हैं। देपसांग के मैदान और देमचोक के चार्डिंग-निंगलंग नाला से पीछे हटने के मुद्दे पर चीनी पक्ष ने चुप्पी साध ली।

अधिकारियों के मुताबिक, हॉट स्प्रिंग, देपसांग और देमचोक को लेकर भारत विभिन्न स्तरों की आगामी वार्ताओं में मांग रखेगा। इन इलाकों को लेकर आगे की वार्ताओं के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय तैयारी कर रहा है। भारतीय और चीनी सेनाओं के शीर्ष कमांडरों के बीच 31 जुलाई को नौ घंटे लंबी बैठक चली थी और इस दौरान खास तौर पर पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले बाकी बचे बिंदुओं से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया गया।