DUSU Election 2025: पिछले हफ्ते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ के चुनाव में एबीवीपी का दबदबा देखने को मिला था, जबकि एनएसयूआई के हिस्से केवल एक ही सीट आई। एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम में गड़बड़ी हुई थी। इसको लेकर एनएसयूआई ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया, जिस हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि चुनाव आयुक्त ईवीएम को सुरक्षित रखा जाए।

इस मामले को लेकर एनएसयूआई के नेता रौनक खत्री और जोसलिन नंदिता चौधरी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने डीयू को नोटिस जारी किया। याचिका में मांग की गई कि डूसू प्रेसिडेंट चुनाव की प्रक्रिया में गड़बड़ी के चलते पूरा चुनाव रद्द की जाए। इस पर आज हाईकोर्ट की जस्टिस मिनी पुष्करणा बेंच ने सुनवाई की।

आज की बड़ी खबरें

हाईकोर्ट ने ईवीएम पर क्या कहा?

दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस मिनी पुष्करणा की बेंच ने कहा कि याचिका में ईवीएम में छेड़छाड़ की गई बात कही गई है। नोटिस जारी करें। अंतरिम रूप से, डीयू द्वारा नियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि मतदान और मतगणना के लिए उपयोग की जाने वाली ईवीएम, सभी कागजी कार्रवाई और दस्तावेज़ ताले में सुरक्षित स्थान पर रखें।

यह भी पढ़ें: दिल्ली विश्वविद्यालय के चुनावों पर कन्हैया कुमार ने किस पर साधा निशाना?

डूसू के वकील ने क्या दिए तर्क?

बता दें कि रौनक खत्री डूसू के पूर्व अध्यक्ष हैं और जोसलिन चौधरी इस साल अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उम्मीदवार आर्यन मान के डूसू अध्यक्ष पद के चुनाव को चुनौती दे रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से पेश हुए वकील मोहिंदर रूपल ने आरोपों को खारिज कर दिया।

फिर से वोटिंग कराने की मांग

डीयू के वकील ने कहा कि उन्होंने दलील दी कि जिन कॉलेजों में कथित तौर पर छेड़छाड़ हुई है, उन्हें मामले में पक्षकार नहीं बनाया गया है और यहां तक कि विजयी उम्मीदवार को भी प्रतिवादी नहीं बनाया गया है। याचिका में एनएसयूआई नेताओं ने 18 सितंबर को हुए चुनाव को रद्द करने और ईवीएम सुरक्षित रखने की मांग की है। साथ ही अध्यक्ष पद के लिए नए सिरे से मतदान कराने का भी अनुरोध किया गया है।

कौन हैं डॉ. अमरीन कौर? हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य सिंह की पत्नी