दशहरा को लेकर शिवसेना ने शिवाजी पार्क में अपनी रैली की तो शिंदे गुट ने बांद्रा कुर्ला के मैदान हुंकार भरी। दोनों ही रैलियों केस केंद्र में बाला साहेब ठाकरे रहे। उद्धव ने शिंदे गुट को चोर करार देकर कहा कि वो उनके पिता की विरासत पर कब्जा कर रहे हैं। वहीं शिंदे ने खुद को बाला साहेब का सच्चा भक्त बताया। इन सबके बीच रैली में बाला साहेब का एक पोस्ट वायरल हो रहा है।
पोस्टर में बाला साहेब को एक रैली के दौरान दिखाया गया है। इस पर लिखा था कि मैं शिवसेना को बीजेपी का गुलाम नहीं बनने दूंगा। पोस्टर से साफ है कि बीजेपी के साथ शिवसेना की तल्खी किस कदर बढ़ती ही जा रही है। उधर सीएम एकनाथ शिंदे ने कवि हरिवंश राय बच्चन की एक लाईन को ट्वीट कर उद्धव पर करारा हमला बोला। ट्वीट में लिखा है कि जरूरी नहीं कि बेटा ही उत्तराधिकारी हो। जो उनका वारिस होगा वही बेटा भी होगा।
ध्यान रहे कि शिवसेना के उद्धव गुट ने जहां शिवाजी पार्क में शिंदे पर करारा हमला बोला। उन्होंने शिंदे को कटप्पा की संज्ञा देते हुए कहा कि उन्होंने तब पीठ में छुरा भोंका जब वो बीमार थे। शिंदे ने भी पलटवार कर कहा कि वो मुझे कटप्पा कहते हैं लेकिन उनको पता होना चाहिए कि कटप्पा में भी स्वाभिमान था। वो आपकी तरह से दोहरे मानदंड नहीं अपनाता था। दोनों एक दूसरे पर खासे तल्ख रहे। खास बात रही कि उद्धव के भाई जयदेव भी शिंदे के साथ थे।
शिवसेना में बिखराव के बाद दोनों गुटों का यह पहला शक्ति प्रदर्शन था। उद्धव ने पहली लड़ाई तब जीत ली थी जब अदालत ने उन्हें शिवाजी पार्क में रैली करने की अनुमति दी। बाला साहेब 1966 से इस मैदान में दशहरा पर रैली करते आ रहे थे। लेकिन ये पहली बार था कि 56 साल बाद दशहरा पर दो रैलियां हुईं।
दोनों शिवसेना की थीं और दोनों ही गुट खुद को सही बता रहे थे। शिंदे का कहना था कि वो ही बाला साहेब के सच्चे अनुयायी हैं तो उद्धव का कहना था कि वो बाला साहेब की विरासत को जबरन छीनने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वो याद रखें कि अगर ऐसा हुआ तो शिवसैनिक चुप नहीं रहेंगे। वो शिंदे को माकूल जवाब देकर रहेंगे।