पंजाब कांग्रेस में विवाद जारी है। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव करीब आता जा रहा है बयानों का दौर भी बढ़ता जा रहा है। नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी माने जाने वाले परगट सिंह ने पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा इसका फैसला लेने का अधिकार रावत को किसने दे दिया है। वहीं हरीश रावत ने भी उनके बयान पर पलटवार किया है।

परगट सिंह ने कहा है कि यह फैसला किया गया है कि पंजाब में अगला चुनाव सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। हरीश रावत (पंजाब पार्टी प्रभारी) बताएं कि यह फैसला कब लिया गया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। वहीं हरीश रावत ने कहा कि पंजाब में जहां तक चेहरे का सवाल है तो हमारे पास सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी जैसे अखिल भारतीय चेहरे हैं। स्थानीय चेहरों में कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू हैं। परगट सिंह भी एक चेहरे हैं, कई और लोग हैं जिन्हें आगे रखेंगे। बेसब्र होने की जरूरत नही है।

बताते चलें कि हाल ही में कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी नेतृत्व से कहा है कि उन्हें फैसले लेने की आजादी दी जाए, नहीं तो वह मुंहतोड़ जवाब देंगे। दूसरी तरफ, कांग्रेस का कहना है कि पार्टी की राज्य इकाइयों के प्रमुख कांग्रेस के मापदंडों और संविधान के दायरे में रहकर फैसले करने के लिए स्वतंत्र हैं। इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि अगर राज्य इकाई के प्रमुख फैसले नहीं करेंगे तो कौन करेगा।

सिद्धू ने पहले कहा कि कांग्रेस आलाकमान को उन्हें फैसले करने की आजादी देनी चाहिए और वह सुनिश्चित करेंगे कि कांग्रेस राज्य की सत्ता में अगले 20 साल बनी रहे। उनका कहना है कि उन्होंने इसको लेकर रूपरेखा तैयार की है। उन्होंने अमृतसर में एक सभा में कहा, ‘पार्टी आलाकमान को निर्णय लेने की आजादी देनी चाहिए, अन्यथा मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।’