बुधवार दोपहर आगरा में सपा के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर करणी सेना द्वारा किए गए प्रदर्शन पर डिंपल यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सरकार द्वारा करवाई गई हरकत है। उन्होंने संसद परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा, “अगर हम अब देखेंगे के हालात, जहां अब सड़कों पर बम फूट रहे हैं। जहां महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। कहीं न कहीं ये सरकार की जिम्मेदारी बनती है। एक सांसद के घर इस तरह की घटना होती है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।”

उन्होंने आगे कहा, “आप क्या संदेश देना चाहते हैं युवाओं को? जिस तरह का उपद्रव मचाया जा रहा है यूपी में, अगर लोग शासन प्रशासन से संपर्क भी करते हैं तो वो समय पर नहीं पहुंचते। सरकार को उसपर सख्त एक्शन लेना चाहिए। यह सरकार द्वारा करवाई गई हरकत है।”

आगरा में रामजी लाल सुमन के घर पर क्या हुआ? यहां जानिए पूरी डिटेल

अखिलेश बोले- बीजेपी दरारवादी पार्टी, हम राणा सांगा की देशभक्ति पर सवाल नहीं कर रहे

अखिलेश यादव ने फेसबुक पर पोस्ट कर कहा, “समाजवादी पार्टी सामाजिक न्याय और समतामूलक समाज की स्थापना में विश्वास करती है। हम कमज़ोर से कमज़ोर हर एक व्यक्ति को भी सम्मान दिलाना चाहते है। हमारा उद्देश्य किसी इतिहास पुरुष का अपमान करना नहीं हो सकता। समाजवादी पार्टी मेवाड़ के राजा राणा सांगा की वीरता और राष्ट्रभक्ति पर कोई सवाल नहीं कर रही।”

उन्होंने आगे कहा, “भाजपा ने इतिहास के कुछ विषयों को सदैव राजनीतिक लाभ उठाने के लिए और देश को धार्मिक-जातिगत आधार पर विभाजित करने के लिए इस्तेमाल किया है। हमारे सांसद ने सिर्फ एक पक्षीय लिखे गये इतिहास और एक पक्षीय की गई व्याख्या का उदाहरण देने की कोशिश की है। हमारा कोई भी प्रयास राजपूत समाज या किसी अन्य समाज का अपमान करना नहीं है।”

उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में बीते कल की मतलब ‘इतिहास’ की घटनाओं की व्याख्या नहीं की जा सकती। राज काज के निर्णय अपने समय की परिस्थियों की मांग के हिसाब से लिए जाते थे। इतिहास की घटनाओं के आधार पर आज की लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं चल सकती। भाजपा सरकार को अपनी भेदकारी आदत को सुधार कर जनता के रोज़ी-रोज़गार, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर कुछ ध्यान देना चाहिए। भाजपा दरारवादी पार्टी है।

जगदंबिका पाल बोले- करोड़ों लोग आहत हुए

रामजी लाल सुमन के बयान पर बीजेपी के सांसद जगदंबिका पाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उस बयान से करोड़ों लोग आहत हुए हैं। किसी भी जनप्रतिनिधि को ऐसा को अधिकार नहीं है कि ऐसे किसी महापुरुष को अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करे। उनकी पार्टी उनको कोई शोकॉज नोटिस न दे, कोई कार्रवाई न करे। इससे करोड़ों लोग आहत हो गए हैं। आए दिन लोग सनातन को ठेस पहुंचाते हैं, किसी महापुरुष के लिए अपमानजनक शब्द कहते हैं। इस तरह के बयान देकर लोगों की सुर्खियों में बने रहने की आदत हो गई है।