कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के हालिया बयान, ‘मुस्लिम की प्रजनन दर कम हो रही,वो बहुसंख्यक कभी नहीं बन सकते’, पर बहस छिड़ गयी है। बीजेपी के प्रवक्ता और बिहार सरकार में मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस नेता के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘दिग्विजय जैसे दोस्त अगर मुसलमानों के हो तो उनको दुश्मन की जरूरत नहीं। हमारी सरकार जो क़ानून बनाती है वो सबके लिए बनाती है। इस तरह की बातें उन्हें शोभा नहीं देती।’
इससे पहले भारत में अल्पसंख्यक मुसलमान समुदाय की प्रजनन दर गिरने का दावा करते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश में मुस्लिमों की आबादी इस कदर कभी नहीं बढ़ सकती कि वे हिंदुओं को पीछे छोड़ते हुए बहुसंख्यक बन जाएं। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खेमे से जुड़े लोगों पर उक्त विषय में दुष्प्रचार का आरोप लगाते हुए इस संगठन के प्रमुख मोहन भागवत को खुली बहस की चुनौती भी दी। वह इंदौर में कांग्रेस, वामपंथी दलों और श्रमिक संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित “साम्प्रदायिक सद्भाव सम्मेलन” को संबोधित कर रहे थे।
संघ परिवार से जुड़े लोगों पर निशाना साधते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि यह गलत प्रचार किया जाता है कि बहुविवाह के जरिये लगातार आबादी बढ़ाए जाने से अगले 10 साल के भीतर देश में मुसलमान अल्पसंख्यक से बहुसंख्यक से हो जाएंगे, जबकि हिंदू बहुसंख्यक से अल्पसंख्यक रह जाएंगे।
सिंह ने कहा, “मैं भागवत से लेकर संघ के छोटे प्रचारकों तक को इस विषय पर सार्वजनिक बहस की चुनौती देता हूं। मैं प्रमाणित कर दूंगा कि देश में मुसलमान बहुसंख्यक कभी नहीं हो सकते।” उन्होंने कहा, “देश के मुसलमान समुदाय में जन्म दर घटती जा रही है और वैसे भी महंगाई के इस जमाने में आम शौहर के लिए एक बीवी और उससे जन्मे बच्चों को पालन-पोषण तक मुश्किल हो रहा है। ऐसे में भला कौन मुसलमान चार बीवियां और उनसे जन्मे बच्चे पाल सकता है?”
सिंह ने संघ और भाजपा की कथनी और करनी में अंतर होने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, “रावण के 10 मुख थे और उसके अलग-अलग मुखों से अलग-अलग बातें होती थीं, यही हालत संघ और भाजपा की है। एक तरफ, संघ के कार्यकर्ता जहर उगलते हैं। दूसरी तरफ, संघ प्रमुख भागवत कहते हैं कि हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक है।”