लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस की नजर सियासी समीकरणों पर है। ऐसे में सुगबुगाहट कर्नाटक की राजनीति से जुड़ी हुई है कि वहां भाजपा और JDS गठबंधन करने जा रहे हैं। इसका एक पुख्ता कारण विधानसभा चुनाव का परिणाम भी माना जा सकता है जहां कांग्रेस ने दोनों ही दलों को जोरदार पटखनी दी थी। कर्नाटक को दक्षिण की राजनीति का द्वार कहा जाता है, ऐसे में भाजपा ज़्यादा वक्त तक इस दरवाजे को बंद नहीं रख सकती। क्या है भाजपा की प्लानिंग, समझते हैं। 

क्या चर्चाएं हैं? 

कर्नाटक में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली जनता दल (सेक्युलर) पार्टी जो 2023 के विधानसभा चुनावों में बड़ी हार के बाद से अब तक NDA और INDIA दोनों ही गठबंधनों से दूर रही है, अब भाजपा के साथ हाथ मिलाने के लिए पूरी तरह तैयार दिखाई दे रही है।  

हालांकि JDS  मुख्य देवेगौड़ा और उनके बेटे पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने अब तक किसी तरह की आधिकारिक घोषणा नहीं की है लेकिन एक दिन पहले भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीएस येदियुरप्पा के दिए बयान से काफी कुछ मायने निकाले जा सकते हैं।  शुक्रवार को येदियुरप्पा ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय नेताओं ने कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से चार को जद (एस) के साथ साझा करने पर सहमति जता दी है। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,”भाजपा और JDS गठबंधन बनाएंगे, अमित शाह चार लोकसभा सीटें JDS को देने पर सहमत हो गए हैं। इससे हमें बड़े पैमाने पर मजबूती मिलेगी. यह कर्नाटक में 25 से 26 लोकसभा सीटों पर जीत तय करेगा।” 

बताया जाता है कि एचडी देवेगौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करने के बाद 4 सितंबर को दिल्ली दौरे के दौरान शाह और नड्डा से मुलाकात की थी। 

क्या वक्त से पहले ही कर दिया खुलासा 

JDS के सूत्रों ने कहा कि गठबंधन का खुलासा समय से पहले कर दिया गया है  क्योंकि पार्टी स्तर पर कुछ बारीक मामलों पर अभी भी चर्चा जारी है। JDS 10 सितंबर को नेताओं और पदाधिकारियों की एक बैठक आयोजित करने वाली है और पार्टी नेताओं की अगली बैठक में 13 सितंबर तक भाजपा गठबंधन पर औपचारिक घोषणा होने की उम्मीद है।

“हम नहीं जानते कि यह आज क्यों सामने आया है क्योंकि चीजें अभी भी विचाराधीन हैं और अभी तक कुछ भी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। प्रत्यक्ष गठबंधन के बजाय अंदरूनी गठबंधन की बात चल रही है, लेकिन अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है।” येदियुरप्पा द्वारा गठबंधन की घोषणा पर देवेगौड़ा और कुमारस्वामी ने कोई टिप्पणी नहीं की है। 

कर्नाटक में भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रल्हाद जोशी और सी टी रवि ने जद (एस) के साथ प्रस्तावित गठबंधन की जानकारी से इनकार किया। भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश ने भी कहा कि उन्हें गठबंधन के बारे में जानकारी नहीं है।

INDIA गठबंधन पर क्या असर पड़ेगा 

चर्चा यह भी है कि अगर JDS भाजपा के साथ हाथ मिला लेती है तो यह INDIA गठबंधन के लिए एक झटका होगा। हालांकि कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि यह दो असहाय लोगों के बीच की दोस्ती हो सकती है।