पटना में आज विपक्षी दलों की बैठक होगी। इस बैठक में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष रणनीति बनाएगा। वहीं बैठक में शामिल होने से पहले शिवसेना (UBT) की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। शिवसेना (UBT) के मुखपत्र सामना में लेख के माध्यम से मोदी सरकार पर निशाना साधा गया है। सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि पटना वही भूमि है, जहां से जेपी के आंदोलन की शुरुआत हुई और कांग्रेस के मजबूत किले को ध्वस्त कर दिया था।
‘अगर 2024 में मोदी पीएम बनते हैं, तो देश में लोकतंत्र नहीं बचेगा’
सामना में लिखा गया है कि अगर 2024 में मोदी फिर से पीएम बनते हैं, तो देश में लोकतंत्र नहीं बचेगा। सामना में कहा गया कि पटना में बीजेपी विरोधी एकत्रित हो रहे हैं, ये कहना गलत होगा बल्कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने वाली देशभक्त पार्टियां इकठ्ठा हो रही हैं। मुखपत्र में लिखा गया कि पटना से विपक्षी नेताओं की बैठक की शुरुआत हो रही है, ये अच्छा है।
वहीं सामना में विपक्ष के प्लान के बारे में भी बताया गया। इसमें लिखा गया कि कम से 450 सीटों पर एक उम्मीदवार (बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार) उतारा जायेगा और उसका मुकाबला बीजेपी से होगा, जिसमे बीजेपी की हार होगी। मोदी कितना भी नाटकीय प्रयोग कर लें, उनकी पराजय होगी और इस देश के कई राज्यों ने ये दिखा दिया है।
सामना में लिखा गया कि 1975 में इसी पटना की भूमि से जयप्रकाश नारायण ने दूसरी आजादी और क्रांति का नारा दिया था। कांग्रेस के विरोध में उसी समय सभी राजनीतिक दल एकजुट हुए थे। उस एकजुटता से इंदिरा गांधी की भी हार हुई थी इसलिए देशभक्त दलों की आज पहली बैठक के लिए पटना की भूमि का चुनाव अच्छा है।
2024 में मोदी को झोला कंधे पर टांग कर जाना ही पड़ेगा: सामना
सामना में लिखा गया कि कानून, संविधान, न्यायपालिका की परवाह किए बगैर सत्ता हासिल करनेवालों का राज खत्म करने को लेकर पटना की बैठक में थोड़ा भी चिंतन हुआ और मुठ्ठी तानी तो 2024 में मोदी को झोला कंधे पर टांग कर जाना ही पड़ेगा। सामना में लिखा गया कि पटना में एकजुटता का नारा देना है और पटना का मेला ‘देश बचाओ आंदोलन’ है। सामना में जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का भी मुद्दा उठाया गया। इसमें लिखा गया कि ऐसे ही जारी रहा तो 2024 का लोकसभा चुनाव देश का आखिरी चुनाव साबित होगा और इस देश में लोकतंत्र था, इस पर भावी पीढ़ी सिर्फ शोध करती रहेगी।