राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कड़ाके की सर्दी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली में दिसंबर के शुरुआती दिनों में पिछले 22 सालों में सबसे ज्यादा ठंडे दिन देखने को मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एक दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच शहर का अधिकतम तापमान 22.7 डिग्री सेल्सियस रहा। इसका औसत निकाले तो यह 19.8 डिग्री सेल्सियस होता है।
खास बात है कि पिछले 22 सालों में ऐसा पहली बार है जब दिसंबर के शुरुआती 15 दिनों में तापमान 25 डिग्री सेल्सियस भी नहीं पहुंच सका। हालांकि रात का तापमान सामान्य के करीब रहा और यह पिछले साल के बराबर ही रहा। बता दें कि 1 से 15 दिसंबर के बीच रात का तापमान औसतन 9.1 डिग्री सेल्सियस रहा जो साल 2018 के करीब है। हालांकि साल 2010 के बाद से यह सबसे कम है।
उल्लेखनीय है कि इस अवधि में सबसे अधिक तापमान 30 डिग्री सेल्सियस एक दिसंबर 2014 को दर्ज किया गया जो तापमान मापने की शुरुआत से सबसे ज्यादा है। बीते रविवार तो दिल्ली के मौसम की बात करें तो शहर में सुबह हल्का कोहरा छाया रहा और न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शहर में कई स्थानों पर कोहरे के कारण दृश्यता कम हो गई।
मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सुबह आठ बजे पालम में दृश्यता 200 मीटर और सफदरजंग में 300 मीटर दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘मध्यम’ श्रेणी के साथ 188 रहा। मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारी ने बताया कि सुबह 8.30 बजे सापेक्ष आर्द्रता फीसदी प्रतिशत रही। अधिकतम तापमान करीब 20 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
इसी तरह उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में रविवार को भी शीत लहर जारी रही। जम्मू-कश्मीर एवं उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण न्यूनतम तापमान में और गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, उत्तराखंड तें बर्फबारी से जुड़ी घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। लद्दाख का द्रास सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 19.6 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया।
उत्तराखंड में, पिछले कुछ दिनों में बर्फबारी से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी गई, जबकि उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई। (भाषा इनपुट)