Delhi Waqf Board Case: सुप्रीम कोर्ट से आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान को बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को अमानतुल्लाह खान को अग्रिम जमानत देने इनकार कर दिया। खान पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड में भर्ती और कुछ संपत्तियों को पट्टे पर देने में अनियमितता बरती थी। जिसके बाद खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई।
हालांकि, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तारी के अधिकार का अनावश्यक रूप से प्रयोग करने के प्रति आगाह भी किया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि खान को तब तक गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए जब तक उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत न हों। कोर्ट ने ईडी के वकील, अतिरिक्त सॉलिसिटर से कहा कि अगर सबूत हैं तो उसको गिरफ्तार करें और अगर कोई सबूत नहीं हैं तो गिरफ्तारी नहीं होगी। धारा 19 पीएमएलए का पालन करें। कृपया पहले के आदेश का पालन करें। गिरफ्तारी का अधिकार हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 11 मार्च 2024 को इस केस में सुनवाई करते हुए अमानतुल्लाह खान को राहत नहीं दी थी। कोर्ट ने कहा था कि ईडी के बार-बार भेजे गए समन को नजरअंदाज करना गलत है। कोर्ट ने अमानतुल्लाह को अग्रिम जमानत देने से भी इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि विधायकों को पता होना चाहिए कि कानून की अवहेलना करने पर कानूनी कार्रवाई होगी क्योंकि कानून की नजर में सभी नागरिक समान हैं। इस फैसले को अमानतुल्लाह ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो खान की अग्रिम जमानत के लिए किसी भी याचिका पर विचार करने का इच्छुक नहीं है। पीठ ने हाई कोर्ट की टिप्पणी को भी दोहराया कि खान इस मामले में ईडी के समन को छोड़ नहीं सकते।
जस्टिस खन्ना ने कहा, “नो, नो, आप इस तरह समन को कैसे छोड़ सकते हैं? हम नोटिस जारी नहीं करने जा रहे हैं। आपको जांच में शामिल होना ही चाहिए।”
खान के वकील ने जवाब दिया, “हम कल जांच में शामिल होंगे।” कोर्ट ने इस मामले में ईडी को औपचारिक नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया। साथ ही आदेश भी दिया।
क्या है वक्फ बोर्ड केस?
ओखला विधानसभा सीट से आप के विधायक अमानतुल्लाह खान पर जिस मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटकी है वह 2018-2022 के बीच का है। ईडी का कहना है कि कर्मचारियों की अवैध भर्ती और 2018-2022 के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर विधायक ने व्यक्तिगत फायदा उठाया।
इस मामले में छापे के दौरान कई सबूत भी मिले थे। इन सबूतों से अमानतुल्लाह के मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल होने के संकेत मिलते हैं। जिस वक्त यह कार्रवाई हुई थी तब अमानतुल्लाह खान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे। हाल ही में ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में आवेदन दायर करते हुए कहा था कि आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान ईडी के 6 समन के बाद भी जांच अधिकारी के सामने पेश नहीं हो रहे हैं।