दिल्ली के रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम में 14 लोगों की मौत ने दिल्ली सरकार पर कई गंभीर सवाल उठा दिए हैं। बड़ी बात यह है अकेले जुलाई महीने में इन 14 लोगों की मौत हुई है, यहां भी एक नाबालिग है तो बाकी सभी 20 साल से ज्यादा उम्र के बताए जा रहे हैं। मरने वालों में 6 पुरुष 8 महिलाएं और एक बच्चा शामिल है।

कर्मचारी ने उगले बड़े राज

अब यह शेल्टर होम दिल्ली सरकार द्वारा ही संचालित किया जा रहा था और मानसिक रूप से कमजोर लोगों के लिए एक बड़ा सहारा था। लेकिन पिछले कुछ समय में यही सहारा लोगों की मौत का कारण बन गया। अब शेल्टर होम ने तो दिल्ली सरकार को बताया है कि दस्त और बेहोशी की वजह से इन लोगों की मौत हुई है, इसके अलावा कुछ लोगों को हल्का बुखार और उल्टी जैसे लक्षण भी थे। लेकिन इस बीच इसी शेल्टर होम में काम करने वाली एक आशा कर्मचारी ने कई राज पर्दा उठा दिया है।

दिल्ली के शेल्टर होम में महज 20 दिन भीतर 13 बच्चों की मौत

थाली से गायब होती गईं चीजें

उस आशा वर्कर की तरफ से बताया गया है कि आखिर इस शेल्टर होम में किस हालत में और किस स्थिति में लोग रहने को मजबूर हैं। इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने बताया है कि वर्तमान में भी 25 लोग ऐसे हैं जो टीबी की बीमारी से ग्रसित चल रहे हैं, यहां तक कहां गया कि पिछले 4 सालों के अंदर में इन लोगों की डाइट में जमीन आसमान का फर्क आ चुका है। पहले तो यहां रह रहे लोगों को दाल, चावल, रोटी, सब्जियां दी जा रही थीं। अंडे तक की व्यवस्था इन लोगों के लिए वहां पर रहती थी। लेकिन अचानक से उनकी डाइट काफी कम कर दी गई, कई चीजे थाली से गायब होने लगीं।

कई बीमारियों से जूझ रहे लोग

बड़ी बात यह है कि आशा कर्मचारी ने यहां तक कहा है कि इस शेल्टर होम में जो लोग रह रहे हैं, कई ऐसे हैं जिनके पास पहनने के लिए कपड़े तक नहीं हैं। खाना तो सीमित मिलता ही है, आशा कर्मचारी के मुताबिक क्योंकि अब लोगों को सही तरह की डाइट नहीं मिल पा रही है और खाने की भी साफ कम दिख रही है, इसने स्थिति को और ज्यादा खराब बनाने का काम किया है। यहां रह रहे लोगों को कई तरह की बीमारियों से जूझना पड़ रहा है।

जरूरत से ज्यादा भीड़

अभी इसी शेल्टर होम को लेकर नई जानकारी तो यह भी सामने आ रही है कि यहां पर क्षमता तो सिर्फ 500 लोगों की है लेकिन 950 लोगों को जबरदस्ती यहां पर रखा गया है। ऐसे में पहले से कम संसाधन, कम जगह और उसके ऊपर बढ़ती भीड़ ने स्थिति को और ज्यादा खराब करने का काम किया है।

दिल्ली सरकार ने क्या कहा?

अब एक तरफ आशा वर्कर और एसडीएम की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित शेल्टर होम में कई गड़बड़ियां थी लेकिन मंत्री आतिशी अभी भी विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार कर रही हैं। तर्क दिया जा रहा है कि लोगों की मौत दूसरे कारणों की वजह से भी हो सकती है। मानसिक रूप से जो लोग बीमार हैं, उनमें से कई ऐसे हैं जिन्हें कोई दूसरी समस्या भी साथ में चल रही है, ऐसे में मौत के कई कारण रह सकते हैं।