सीलिंग के दौरान एक मकान की सील तोड़ने को लेकर मुकदमे का सामना कर रहे भाजपा नेता मनोज तिवारी मंगलवार को कोर्ट में पेश हुए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मनोज तिवारी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला चल रहा है। मंगलवार को इसी मामले में सुनवाई थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान मनोज तिवारी के वकील ने तिवारी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा कि “जज आरामदायक जगह में बैठते हैं, जहां कोई उनसे सवाल नहीं करता। लोग मुझसे सवाल पूछते हैं, मैं उनके प्रति जिम्मेदार हूं।” मनोज तिवारी के वकील ने कहा कि ‘उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है, जिससे कोर्ट की अवमानना हो।’
गौरतलब है कि इससे पहले मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि वह सीलिंग तोड़ने के लिए माफी नहीं मांगेंगे। मनोज तिवारी ने कोर्ट द्वारा उन्हें सीलिंग ऑफिसर बनाए जाने पर कहा कि दिल्ली में लोगों को राहत देने और कानून का राज स्थापित करने के लिए वह सीलिंग ऑफिसर बनने के लिए तैयार हैं।
BJP’s Manoj Tiwari’s counsel tells SC, “Judges sit in this cozy area where nobody comes to question them. People question me, I am responsible”, during hearing over breaking seal of a locked house in an unauthorised colony in Delhi’s in Sept by BJP leader Manoj Tiwari
— ANI (@ANI) October 30, 2018
बता दें कि दिल्ली में अवैध निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने सीलिंग करने का आदेश दिया था। जिसके लिए कोर्ट ने एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया, जिसकी देखरेख में दिल्ली के कई इलाकों में सीलिंग की कार्रवाई की गई। बीती 16 सितंबर को भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकलपुर गांव में सील किए गए एक मकान की सील तोड़ दी थी। जिसके बाद उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस चल रहा है। इस मामले में मनोज तिवारी 25 सितंबर को कोर्ट में पेश हुए थे, तब अदालत ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर उऩ्हें सीलिंग की इतनी ही जानकारी है तो क्यों ना कोर्ट उन्हें सीलिंग ऑफिसर बना दे। अब ताजा सुनवाई में मनोज तिवारी ने कोर्ट में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करे और वह खुद सीलिंग ऑफिसर बनने के लिए तैयार हैं।