सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम को आश्वस्त किया है कि इस मामले के दूसरे आरोपी उमर खालिद के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी उसके केस पर असर नहीं डालेगी। शरजील ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद की बेल एप्लीकेशन की सुनवाई के समय जो टिप्पणी की थी उसके आधार पर अदालत उसके साथ पक्षपात न करे।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एएस ओका की बेंच उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें शरजील इमाम ने दिल्ली हाईकोर्ट ने 18 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ स्पेशल लीव पटीशन दायर की थी। एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने जो काफी सारी बातें कही थीं। बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट ने वो टिप्पणी करते समय खुद भी कहा था कि उसकी इस टिप्पणी का ट्रायल पर कोई असर नहीं होगा। दवे का कहना था कि हाईकोर्ट ने ये स्पष्टीकरण केवल उमर खालिद के केस में दिया था।
हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि दिल्ली दंगों को लेकर रची गई सजिश का मुखिया शरजील इमाम था। वो उमर खालिद के साथ लगातार संपर्क में था। दोनों ने साथ मिलकर दंगों की साजिश रची थी। फरवरी 2020 में दोनों के बीच नार्थ ईस्ट दिल्ली में एक मीटिंग भी हुई थी। हाईकोर्ट की टिप्पणी के मुताबिक दिल्ली दंगों और सीएए प्रोटेस्ट के बीच एक कनेक्शन था। इमाम और खालिद दोनों इसकी साजिश का हिस्सा था। शरजील इमाम जनवरी 2020 से पुलिस की हिरासत में है। उसके खिलाफ कई सारे केस दर्ज किए गए हैं। नवंबर 2020 में उसके खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्ज शीट भी दाखिल की जा चुकी है।
ध्यान रहे कि शरजील इमाम और उमर खालिद के खिलाफ UAPA के तहत भी केस दर्ज किया गया है। दोनों जमानत के लिए लगातार अदालतों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन फिलहाल इस मामले में दोनों को ही जमानत नहीं मिल सकी है। दिल्ली पुलिस दोनों की जमानत का हर बार पुरजोर विरोध करती है। पुलिस का कहना है कि इन दोनों को जमानत मिलने से एक गलत संदेश जाएगा।