Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 13 वकीलों को एडवोकेट कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया गया है। ताकि यह जांच की जा सके कि क्या राजधानी के प्रदूषण संकट के बीच पड़ोसी क्षेत्रों से ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश को प्रतिबंधित करने के उसके पहले के निर्देशों का उचित रूप से पालन किया जा रहा है।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने दिल्ली वायु प्रदूषण संकट से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
कोर्ट ने कहा कि हमने प्रदूषण को रोकथाम के लिए बार के सदस्यों से अनुरोध किया कि वे आगे आएं और न्यायालय आयुक्त के रूप में कार्य करें। हमें यह जानकर खुशी हुई कि आज उपस्थित बार के 13 युवा सदस्यों ने स्वेच्छा से इस न्यायालय के आयुक्त के रूप में कार्य करने की पेशकश की है। हम उन्हें न्यायालय आयुक्त के रूप में नियुक्त करते हैं।
तेरह वकील जिन्होंने स्वेच्छा से आयुक्त के रूप में कार्य करने की पेशकश की है। उनके नाम इस प्रकार हैं- प्रत्युष जैन, आदित्य एन प्रसाद, आदित्य भारत मनुबरवाला, मनीषा चावा, अभिनव अग्रवाल, सृष्टि मिश्रा, मनन वर्मा, जतिन कुमार, मोहित सिवाच, अभिषेक बुद्धिराजा, प्रणव धवन, सावी नागपाल और सुमित कुमार।
कोर्ट ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि क्या पड़ोसी क्षेत्रों से दिल्ली में डीजल/प्रदूषणकारी ट्रकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के लिए पर्याप्त जांच की गई है। कोर्ट को बताया गया कि यहां 113 प्रवेश बिंदु हैं, लेकिन केवल 13 जांच बिंदुओं पर ही कड़ी निगरानी है। कोर्ट ने 13 वकीलों को नियुक्त किया, जो स्वेच्छा से अधिवक्ता आयुक्त के रूप में कार्य करेंगे, ताकि वे इन 13 बिंदुओं की जांच कर सकें और देख सकें कि ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध वास्तव में लागू हो रहा है या नहीं।
कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि 18 अप्रैल के बाद से इन प्रवेश बिंदुओं पर लगे सीसीटीवी फुटेज अधिवक्ता आयुक्तों को सौंपे जाएं। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को सभी प्रवेश बिंदुओं पर निगरानी रखने के लिए कदम उठाने चाहिए, न कि केवल उन 13 प्रवेश बिंदुओं पर जहां वर्तमान में सख्त निगरानी उपाय लागू हैं।
पीठ दिल्ली में प्रदूषण से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी। इसमें पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्राधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई भी शामिल थी , जिसे वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण बताया जाता है। पीठ ने हाल ही में प्रदूषण संकट से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत चरण IV उपायों के सख्त कार्यान्वयन का आह्वान किया था और यहां तक कि दिल्ली में स्कूली छात्रों के लिए फिजिकल कक्षाएं बंद करने का आदेश भी दिया था।