राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के चलते GRAP-4 लागू है जिसके कारण निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगा है। ऐसे में काम न होने के चलते श्रमिकों और मजदूरों पर असर पड़ रहा है और उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कंस्ट्रकशन पर बैन के 15 दिन बाद दिल्ली भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड (DBOCWWB) ने मंगलवार को कहा कि लगभग 90,000 पात्र श्रमिकों को 8000 रुपए की अनुग्रह राशि वितरित की जाएगी।

25 नवंबर 2024 तक DBOCWWB के साथ रजिस्टर्ड 90,759 श्रमिकों की पहचान अस्थायी लाभार्थियों के रूप में की गई है। इन श्रमिकों को सहायता मिलने से पहले वेरिफ़ाई किया जाएगा। जिसके बाद सहायता हासिल करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) मोड के माध्यम से ट्रांसफर किया जाएगा।

प्रक्रिया के अनुसार, धनराशि का वितरण तब किया जा सकता है जब खुद को रजिस्टर कराने वाले या रिन्यूएशन के लिए आवेदन करने वाले श्रमिक DBOCWWB के साथ अपनी वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी कर लें।

DBOCWWB वेबसाइट पर रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों की संख्या 13 लाख से ज्यादा

हालांकि, 27 नवंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय में पेश किए गए हलफनामे में अधिकार कार्यकर्ता सुनील कुमार अलेदिया ने इस बात पर प्रकाश डाला, “DBOCWWB वेबसाइट पर उपलब्ध सबसे हालिया आंकड़ों के अनुसार, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की कुल संख्या 13,77,281 है, जिनमें से 88,256 सक्रिय सदस्य हैं और 10,512 सक्रिय लाभार्थी हैं। इसके अतिरिक्त, 12,89,025 सदस्यताएं समाप्त हो चुकी हैं और रिन्यूएशन के लिए 6,85,464 आवेदन मिले हैं, जिनमें से आज तक केवल 5,03,246 को ही मंजूरी दी गई है।”

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उन्होंने कहा, “आंकड़ों से पता चलता है कि पात्रता मानदंड पूरा करने के बावजूद, बड़ी संख्या में श्रमिक रजिस्ट्रेशन खत्म होने के कारण वित्तीय सहायता प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं।” ऐसी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, मंगलवार को DBOCWWB द्वारा एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) पर सहमति व्यक्त की गई।

श्रमिकों के वेरिफिकेशन के लिए ऑनलाइन लिंक बंद

जिसके बाद श्रमिकों के वेरिफिकेशन के लिए ऑनलाइन लिंक को बंद करने का निर्णय लिया गया, क्योंकि उनके लिए DBOCWWB के साथ खुद को पंजीकृत कराने की अंतिम तिथि 25 नवंबर पहले ही समाप्त हो चुकी है। इससे पहले यह सत्यापित करने के लिए कि कोई श्रमिक पंजीकृत है या नहीं, संभावित लाभार्थियों को हिंदी में SMS भेजकर उनका विवरण मांगा जाता था।

नए SOP के अनुसार, ऑनलाइन सत्यापन के माध्यम से अब तक मिले आंकड़ों का उपयोग शेड्यूल तैयार करने और संभावित लाभार्थियों को भौतिक सत्यापन के लिए आने के लिए अधिसूचित करने के लिए किया जाएगा। फिर पंजीकरण प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और नियोक्ता विवरण जैसे दस्तावेजों को जिला DBOCWWB कार्यालयों में सत्यापित किया जाएगा। इसके बाद, अधिकारी प्रामाणिकता का आकलन करने के लिए संभावित लाभार्थियों और उनके नियोक्ताओं से बातचीत करेंगे। इसके लिए कर्मचारी नियोक्ता को कॉल कर सकते हैं या दस्तावेज मांग सकते हैं।

एसओपी में संभावित लाभार्थियों के लिए भी एक अपवाद रखा गया है। वे भौतिक सत्यापन के लिए उपस्थित हुए बिना, कुछ सरकारी विभागों से अपने दस्तावेजों को सत्यापित करवाकर सत्यापन करवा सकते हैं। पढ़ें-  इस हफ्ते दिल्ली-एनसीआर के मौसम में दिखेगा बदलाव