दिल्ली विधानसभा चुनाव में एड़ी चोटी का जोर लगाने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी को सफलता नहीं मिली। दिल्ली चुनावों के व्यस्त अभियान और नतीजों के बाद गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए। वे एक कार्यक्रम के लिए विज्ञान भवन गए। लेकिन चुनावों की तरह यह भी गृह मंत्री के लिए थकानेवाला था क्योंकि यहां भी उन्हें अपने भाषण के लिए 45 मिनट तक इंतजार करना पड़ा।

द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के मुताबिक शुक्रवार को शाह विज्ञान भवन गए थे। यहां वे दवा नियंत्रण पर बिम्सटेक सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए आए थे। मंच में इतने गणमान्य व्यक्ति थे कि शाह को अपनी बात कहने के लिए लगभग 45 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। राज्य मंत्री, विदेश मंत्रालय, वी मुरलीधरन ने अपने भाषण के लिए अधिकतम 20 मिनट का समय लिया। शाह अपना भाषण समाप्त कर जल्द मंच छोड़कर जाना चाहते थे। हालांकि, बाहर निकलने से पहले, उनकी सिक्योरिटी ने बताया कि राष्ट्रगान शुरू होने वाला है जिसके चलते शाह राष्ट्रगान के लिए रुक गए।

गौरतलब है कि अमित शाह ने बृहस्पतिवार को दिल्ली चुनाव में मिली हार का जिम्मेदार चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं द्वारा दिये गए घृणा भरे भाषण को बताया था। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा नेताओं को ‘गोली मारो’ और ‘भारत- पाकिस्तान मैच’ जैसे घृणा भरे भाषण नहीं देने चाहिए थे और संभव है कि इस तरह की टिप्पणियों से पार्टी की हार हुई। बहरहाल, शाह ने कहा कि भाजपा केवल जीत या हार के लिए चुनाव नहीं लड़ती है बल्कि चुनावों के मार्फत अपनी विचारधारा के प्रसार में भरोसा करती है।

उन्होंने ‘टाइम्स नाउ’ के एक कार्यक्रम में कहा, “गोली मारो’ और ‘भारत- पाक मैच’ जैसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए थे। हमारी पार्टी ने इस तरह के बयानों से खुद को अलग कर लिया है।” एक सवाल के जवाब में शाह ने स्वीकार किया कि दिल्ली चुनावों के दौरान पार्टी के कुछ नेताओं के बयानों के कारण भाजपा को नुकसान हुआ होगा।