दिल्ली में स्टूडेंट्स के पाठ्यक्रम में जल्द ही आरएसएस के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्र जल्द ही ‘राष्ट्रनीति’ नामक एक नए कार्यक्रम के तहत स्वतंत्रता सेनानियों और लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का भी अध्ययन करेंगे। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को पुष्टि की कि पाठ्यक्रम को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है और उसमें आरएसएस पर पाठ शामिल होंगे।

आशीष सूद ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया , “आरएसएस के महत्वपूर्ण नेता और सामाजिक गतिविधियों के साथ ही उसका इतिहास भी पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे। यह महत्वपूर्ण है और कोई कारण नहीं है कि इन्हें न पढ़ाया जाए।” उन्होंने आगे कहा कि ड्राफ्ट तैयार होने के बाद विवरण जारी किया जाएगा।

दिल्ली स्कूल के पाठ्यक्रम में होगा RSS से जुड़ा चैप्टर

अधिकारियों के अनुसार, पाठ्यक्रम में 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा आरएसएस की स्थापना, उसकी विचारधारा से लेकर केदारनाथ, बिहार बाढ़ और कोविड-19 महामारी सहित समाज सेवा-राहत कार्यों में उसके कार्यकर्ताओं की भूमिका पर अध्याय शामिल होंगे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे आरएसएस से जुड़े नेताओं के योगदान पर भी पाठ्यक्रम में प्रकाश डाला जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, छात्र अज्ञात नायकों पर एक समर्पित अनुभाग के तहत वीर सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सरदार वल्लभभाई पटेल और सुभाष चंद्र बोस सहित स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्रवादी नेताओं के बारे में जानेंगे।

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दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में लागू होगा ‘राष्ट्रनीति’ कार्यक्रम

18 सितंबर को नमो विद्या उत्सव के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री सूद द्वारा शुरू किया गया ‘राष्ट्रनीति’ कार्यक्रम, दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में किंडरगार्टन से 12वीं कक्षा तक लागू किया जा रहा है। द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्राप्त दस्तावेज़ों के अनुसार, शिक्षा निदेशालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020, मौलिक कर्तव्यों और सतत विकास लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाते हुए दिशानिर्देश जारी किए हैं। दस्तावेज़ों में कहा गया है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र उप-समितियों और युवा संसदों, चुनावी साक्षरता क्लबों और क्षेत्रीय दौरों जैसे व्यावहारिक अभ्यासों के माध्यम से नागरिक उत्तरदायित्व, नैतिक नेतृत्व और संवैधानिक मूल्यों का विकास करना है। ‘राष्ट्रनीति’ सत्र हर महीने के पहले और तीसरे शनिवार को निर्धारित किए गए हैं।

एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि नए कार्यक्रम की कोई पुस्तिका अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। कार्यक्रम की देखरेख के लिए नियुक्त एक स्नातकोत्तर शिक्षक ने बताया कि फिलहाल स्कूलों में समितियों के गठन के लिए चुनाव हो रहे हैं। एक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि शिक्षक नियमावली तैयार कर ली गई है और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) में प्रशिक्षण सत्र चल रहे हैं लेकिन नए अध्यायों का अध्ययन कौन से कक्षा समूह करेंगे, इस पर अभी भी चर्चा चल रही है।

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