उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत दिल्ली के पड़ोसी राज्य में खराब हवा का कहर जारी है। रविवार (30 अक्टूबर, 2022) को राजधानी में एक्यूआई “बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया। हालांकि, शुक्रवार (27 अक्टूबर, 2022) के मुकाबले इसमें मामूली सा सुधार दर्ज किया गया है क्योंकि उस वक्त एक्यूआई “गंभीर” श्रेणी में था।
देश में कुछ ऐसे हिस्से भी हैं जहां वायु गुणवत्ता काफी साफ और अच्छी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के दैनिक बुलेटिन के अनुसार, ये मेघालय, कर्नाटक और केरल के कई शहरों में एक्यूआई “अच्छी” श्रेणी में है।
यहां उन सभी शहरों की सूची दी गई है, जहां पिछले 24 घंटों में वायु गुणवत्ता ‘अच्छी’ श्रेणी में दर्ज की गई है:
- आइजोल (मिजोरम) – 22
- शिवसागर (असम) – 23
- शिलांग (मेघालय) – 24
- थूथुकुडी (तमिलनाडु) – 28
- मैसूर (कर्नाटक) – 30
- गंगटोक (सिक्किम) – 31
- रामनाथपुरम (तमिलनाडु) – 36
- बागलकोट और चामराजनगर (कर्नाटक) – 39
- मंगलुरु (कर्नाटक) – 42
- तिरुवनंतपुरम (केरल) – 45
- विजयपुरा (कर्नाटक) – 47
- मदिकेरी (कर्नाटक) – 49
सीपीसीबी के अनुसार, शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 को ‘मध्यम’, 201 और 300 को ‘खराब’, 301 और 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 को ‘गंभीर’ श्रेणी का माना जाता है।
बता दें कि दिल्ली एनसीआर में दिवाली के बाद से हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। शुक्रवार को एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया था, जिसके बाद कंस्ट्रक्शन के कामों को बंद करने के निर्देश दिए गए थे। वहीं, आप सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने उत्तर प्रदेश की बसों को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यूपी से जो बसें आनंद विहार और विवेक विहार के लिए आती जाती हैं उनसे उड़ने वाले धुंए से प्रदूषण ज्यादा हो रहा है।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि आप सरकार के अभियान “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ” लागू करने से भी प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी, लेकिन उपराज्यपाल ने इसे रोक दिया है। हालांकि, आंकड़े बता रहे हैं कि राजधानी की हवा को प्रदूषित करने में पराली का भी बड़ा हाथ है। इससे PM 2.5 लेवल बढ़कर 26 फीसदी तक जा पहुंच गया है, जो कि इस साल सबसे ज्यादा है।