दिल्ली में ठंड की दस्तक ने माहौल बदल दिया है। सर्द हवाओं ने राजधानी के मिजाज को खुशनुमा बना दिया है और शहर ने एक नई रौनक ओढ़ ली है। सर्द मौसम ने न केवल दिल्ली को नए रंगों में रंग दिया है, बल्कि सड़कों पर गर्म चाय और रजाई की चर्चा भी बढ़ा दी है। ठंड की पहली लहर ने लोगों को गर्म कपड़े और सर्दियों के आनंद का अहसास कराया है। सुबहें अब ठंडी और शामें सुहानी हो गई हैं, जिससे दिल्ली का हर कोना ठंड के असर में डूबा नजर आ रहा है। सर्द हवाओं के स्वागत के साथ ही राजधानी का अंदाज और माहौल और भी खास हो गया है, मानो ठंड ने जिंदगी की रफ्तार को एक नया जोश दे दिया हो। बुधवार की रात इस सीजन की सबसे ठंडी रात रही, जब न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन का अधिकतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो मंगलवार के 25.5 डिग्री से थोड़ा अधिक था। हालांकि बढ़ती ठंड के साथ-साथ हवा की गुणवत्ता भी बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं और ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया है।

दिल्ली-एनसीआर में ऑनलाइन क्लासेज जारी

प्रदूषण के कारण स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई प्रभावित हुई है। GRAP-4 के तहत दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, मेरठ और हापुड़ समेत कई शहरों में 10वीं और 12वीं कक्षा तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। हालांकि, ऑनलाइन क्लासेस के जरिए बच्चों की पढ़ाई जारी रखने की व्यवस्था की गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद यह फैसला लिया गया, जिससे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया और जेएनयू जैसे प्रमुख विश्वविद्यालयों ने भी 23 नवंबर तक फिजिकल क्लासेस स्थगित कर दी हैं और ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है।

AQI ने पार कर लिया था 500 का आंकड़ा

प्रदूषण का स्तर दिवाली और छठ पूजा के बाद बेहद खराब स्थिति में पहुंचा। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ने 500 का आंकड़ा पार कर लिया था, जो “बेहद गंभीर” श्रेणी में आता है। कुछ इलाकों में तो AQI ने 1000 तक का स्तर छू लिया था। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक मानी जाती है। GRAP-4 लागू होने के बाद निर्माण कार्यों पर पाबंदी, गैर-आवश्यक उद्योगों को बंद करने और निजी वाहनों की संख्या सीमित करने जैसे कड़े नियम लागू किए गए हैं।

दिल्ली के साथ एनसीआर के अन्य शहरों में भी यह योजना लागू की गई है। इन नियमों के तहत स्कूलों के अलावा कई कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम का विकल्प अपनाया गया है। साथ ही, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त बसों और मेट्रो ट्रेनों की व्यवस्था की गई है।

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि प्रदूषण के स्तर में सुधार होने में कुछ दिन लग सकते हैं। सर्दी के बढ़ने और हवाओं की धीमी गति के कारण हवा में प्रदूषक तत्व फंस रहे हैं, जिससे स्थिति गंभीर बनी हुई है। हालांकि, गुरुवार सुबह कोहरे में थोड़ी कमी आई, जिससे सड़कों पर वाहनों की आवाजाही सामान्य रही।

सरकार और नागरिकों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को घर से बाहर कम निकलने, मास्क पहनने और प्रदूषण से बचाव के अन्य उपाय अपनाने की सलाह दी है। बढ़ती ठंड और प्रदूषण ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि इसने प्रशासन के सामने भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।