दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी का मानना है कि 8 नवंबर, 2016 को जो नोटबंदी हुई वो नोटबंदी नहीं बल्कि ‘नोट बदली’ थी। द लल्लन टॉप के सौरभ द्विवेदी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने ये बात कही है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उस दौरान लोगों को थोड़ी तकलीफ भी हुई, हालांकि सरकार का जो लक्ष्य था, वो इस नोटबंदी से पूरा भी हुआ। एक सवाल के जवाब में भाजपा नेता ने कहा, ‘असल में वो नोटबंदी नहीं थी, बल्कि ‘नोट बदली’ थी।’
इस पर साक्षात्कार ले रहे द्विवेदी ने कहा कि उसे ही तो नोटबंदी कहते, जो नोट हैं वो नहीं चलेंगे। इस दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘मगर उन नोटों को दे दीजिए और दूसरे मिल जाएंगे। तो यह नोट बदली थी… नोटबंदी कह इसे गलत ढंग से ठहराया गया। उस अभियान के लिए नोटबंदी सटीक शब्द नहीं है और वो नोट बदली अभियान था।’
साक्षात्कार में मनोज तिवारी ने अपने बयान को सही ठहराते हुए आगे कहा, ‘जिन लोगों के नोट गलत थे, जिनका कोई हिसाब-किताब ही नहीं था, जो काला धन था, उनके लिए यह अभियान समस्या थी। हालांकि जिनके नोट असली थे उनको समस्या थी कि उन्हें लाइन में लगना पड़ रहा।’
25 जनवरी के इस साक्षात्कार में भाजपा सांसद ने कहा कि नोट बदली से लोगों को समस्या तो हुई मगर जो उद्देश्य था, वो बहुत बड़ा था और वो पूरा भी हुआ। उनके इस दावे पर जब पूछा गया कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में नियुक्त किए गए और गए आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल या फिर देश का वित्त मंत्रालय नोटबंदी जो घोषित लक्ष्य थे, उसे लेकर अभी तक कोई भी स्पष्ट आंकड़े नहीं रखे गए।
द्विवेदी ने पूछा कि सारे अर्थशास्त्री कहते हैं कि इससे जीडीपी को नुकसान होगा और नुकसान हुआ भी। देश की जीडीपी पिछले दो दशक में सबसे कम है। सौरभ द्विवेदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का भी हवाला दिया जिन्होंने कहा था कि नोटबंदी से दो फीसदी जीडीपी प्रभावित होगी और यह दो फीसदी से भी ज्यादा प्रभावित हुई।
इस पर मनोज तिवारी ने कहा, ‘अर्थशास्त्रियों को छोड़िए… मनोज तिवारी अर्थशास्त्री को सुनिए।’ उन्होंने जीडीपी गिरने के सवाल पर कहा, ‘जीडीपी का गिरना और उठना दूसरी चीजों पर है।’
59वें मिनट से देखिए वीडियो-